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Hindi Newsदेश न्यूज़India doors are not closed Jaishankar hints at improving relations with China

बंद नहीं हैं भारत के दरवाजे; जयशंकर ने दिए चीन के साथ संबंध सुधारने के संकेत

  • आपको बता दें कि 2020 में घातक गलवान संघर्ष के बाद से ही दो परमाणु-सशस्त्र एशियाई दिग्गजों के बीच संबंध खराब चल रहे हैं। भारत ने इसके बाद चीनी कंपनियों के निवेश पर अपनी जांच कड़ी कर दी और प्रमुख परियोजनाओं को रोक दिया है

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानWed, 11 Sep 2024 12:31 AM
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गलवान घाटी संघर्ष के बाद बिगड़े भारत और चीन के रिश्ते अभी तक पटरी पर नहीं आ पाए हैं। इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत के दरवाजे चीन से व्यापार के लिए बंद नहीं है, लेकिन यह तय करना होगा कि आखिर किन क्षेत्रों में और किन शर्तों पर दोनों देश एक-दूसरे के साथ व्यापार करेंगे।

आपको बता दें कि 2020 में घातक गलवान संघर्ष के बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंध खराब चल रहे हैं। भारत ने इसके बाद चीनी कंपनियों के निवेश पर अपनी जांच कड़ी कर दी और प्रमुख परियोजनाओं को रोक दिया है। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित सरकारी अधिकारियों ने हाल ही में अधिक चीनी निवेश को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है। 

जुलाई में जारी एक वार्षिक आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपने वैश्विक निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा दे सकता है।

बर्लिन में एक सम्मेलन के दौरान जयशंकर ने कहा, "चीन से व्यापार के भारत के दरवाजे बंद नहीं हैं। यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यह एक प्रीमियम निर्माता है। ऐसा कोई देश नहीं है जो यह कह सके कि मैं चीन के साथ व्यापार नहीं करूंगा। मुझे लगता है कि मुद्दा यह है कि आप किन क्षेत्रों में व्यापार करते हैं और आप किन शर्तों पर व्यापार करते हैं। यह काले और सफेद बाइनरी उत्तर से कहीं अधिक जटिल है।"

जयशंकर ने हाल के महीनों में चीन के साथ व्यापार और निवेश को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत के बारे में कई बार बात की है। अगस्त में उन्होंने कहा था कि भारत के सामने एक “विशेष चीन समस्या” है। इससे पहले मई में जयशंकर ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन में कहा था कि भारतीय फर्मों को एलएसी पर गतिरोध के बीच चीन के साथ व्यापारिक लेन-देन का “राष्ट्रीय सुरक्षा फ़िल्टर” के ज़रिए मूल्यांकन करना चाहिए और घरेलू निर्माताओं से ज़्यादा सोर्सिंग करनी चाहिए।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, भारत सौर पैनल और बैटरी निर्माण जैसे गैर-संवेदनशील क्षेत्रों में चीनी निवेश पर लगे प्रतिबंधों में ढील दे सकता है। इन क्षेत्रों में विशेषज्ञता की कमी है। यह घरेलू विनिर्माण में बाधा डालते हैं।

भारत ने 2020 से सभी चीनी नागरिकों के लिए निवेश जांच के साथ-साथ वीजा को भी लगभग अवरुद्ध कर दिया है। हालांकि, अब चीनी तकनीशियनों के लिए वीजा नियम को आसान बनाने पर विचार कर रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इसने अरबों डॉलर के निवेश को बाधित किया है।

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