Hindi Newsदेश न्यूज़In Odisha a 10th class student gave birth to a son after writing exam paper

ओडिशा में 10वीं की छात्रा ने दे दिया बेटे को जन्म, हैरान पिता पूछ रहे- ऐसा कैसे हो सकता है

  • मल्कानगिरी जिले के चित्रकोंडा इलाके में बने सरकारी आवासीय स्कूल में पढ़ने वाली एक 10वीं की छात्रा ने बच्चे को जन्म दे दिया। यह स्कूल राज्य का अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति विभाग की तरफ से संचालित किया जाता है।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानTue, 25 Feb 2025 12:21 PM
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ओडिशा में 10वीं की छात्रा ने दे दिया बेटे को जन्म, हैरान पिता पूछ रहे- ऐसा कैसे हो सकता है

ओडिशा से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। खबर है कि यहां हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने वाली 10वीं कक्षा की एक छात्रा मां बन गई है। सवाल उठाए जा रहे हैं कि अगर छात्रा महीनों से गर्भवती थी, तो स्कूल प्रबंधन को इसके बारे जानकारी कैसे नहीं लगी? ऐसे ही सवाल छात्रा के पिता भी पूछ रहे हैं। फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

मल्कानगिरी जिले के चित्रकोंडा इलाके में बने सरकारी आवासीय स्कूल में पढ़ने वाली एक 10वीं की छात्रा ने बच्चे को जन्म दे दिया। यह स्कूल राज्य का अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति विभाग की तरफ से संचालित किया जाता है। यह घटना उसके परीक्षा देकर लौटने के कुछ घंटे बाद ही हुई। खास बात है कि महीनों से गर्भवती रहने के बाद भी वह क्लास और परीक्षाओं में मौजूद रही थी।

छात्रा के पिता कहना है, 'जब मैंने स्कूल पहुंचा तो मुझे बताया गया कि उसने बच्चे को जन्म दिया है। मेरी बेटी हॉस्टल में रहती है और लंबे समय तक घर नहीं आती। एक नर्स नियमित रूप से हॉस्टल में छात्राओं का चेकअप करती है। कोई कैसे गर्भवती होने के संकेत देखने से चूक सकता है।' स्कूल के शिक्षकों ने हॉस्टल के वार्डन को घटना का जिम्मेदार बताया है।

पहली नहीं है घटना

धेनकनाल जिले के एक आश्रम स्कूल में 13 साल की एक आदिवासी छात्रा 7 महीने की गर्भवती पाई गई थी। बाद में उसने स्कूल के हेडमास्टर कार्तिक गौर पर रेप के आरोप लगाए थे। घटना जनवरी 2019 की है और छात्रा तब 8वीं में पढ़ती थी। खास बात है कि छात्राओं के गर्भवती होने की घटनाओं ने चिंताएं बढ़ा दी हैं।

राज्य सरकार ने आदिवासी हॉस्टल में किशोरों के गर्भवती होने की घटनाओं को रोकने के लिए 3000 मेट्रन और 336 एएनएम तैनात किए हैं। इनके अलावा नियमित रूप से चेक अप जारी हैं। साथ ही नियम भी सख्त किए गए हैं कि बगैर महिला साथी के कोई भी पुरुष हॉस्टल में दाखिल नहीं हो सकेगा। हॉस्टल में बावर्ची, सिक्योरिटी गार्ड और सहायकों के तौर पर महिलाओं की ही तैनाती की गई है।

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