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भारतीयों को अवैध तरीके से US भेजने वाले एजेंट रडार पर, पीड़ित कुछ भी बोलने से क्यों डर रहे

  • रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 21 दिसंबर दुबई से निकारागुआ जाने वाली फ्लाइट को ईंधन भरने के लिए फ्रांस के वैट्री एयरपोर्ट पर उतरा गया। मगर, यहीं इसे चार दिनों के लिए रोक दिया और कोई कारण भी नहीं बताया था।

Niteesh Kumar हिन्दुस्तान टाइम्स, रविंद्र वासुदेवFri, 7 Feb 2025 07:12 AM
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भारतीयों को अवैध तरीके से US भेजने वाले एजेंट रडार पर, पीड़ित कुछ भी बोलने से क्यों डर रहे

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका से निर्वासित 104 भारतीयों को धोखा देने वाले ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हालांकि, अधिकारी बताते हैं कि पिछले ऐसे मामलों में कुछ भी नहीं किया गया है क्योंकि ज्यादातर पीड़ित तो FIR दर्ज कराने में ही झिझक रहे हैं। दिसंबर 2023 की बात है जब निकारागुआ के लिए एक ऐसे ही विमान ने उड़ान भरी। इसमें करीब 200 पंजाबियों समेत 300 से अधिक भारतीय सवार थे जिन्हें अवैध रूप से अमेरिका ले जाया जा रहा था। पंजाब पुलिस इस मामले में अब तक ज्यादा कुछ नहीं कर सकी। ऐसा इसलिए क्योंकि, उनमें से केवल 2 ही पंजाब सरकार की ओर से गठित विशेष जांच दल (SIT) के समक्ष पेश हुए।

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रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 21 दिसंबर दुबई से निकारागुआ जाने वाली फ्लाइट को ईंधन भरने के लिए फ्रांस के वैट्री एयरपोर्ट पर उतरा गया। मगर, यहीं इसे चार दिनों के लिए रोक दिया और कोई कारण भी नहीं बताया था। इसके बाद विमान को वापस भारत भेजने का फैसला हुआ। पंजाब में फिरोजपुर के एसपी रणधीर कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया। इसमें लुधियाना के एसीपी जसरूप कौर बाथ, फिरोजपुर डीएसपी बलकार सिंह संधू और पटियाला मुख्यालय के उपाधीक्षक दलबीर सिंह सिद्धू शामिल हैं।

जानकारी इकट्ठा करने में जुटी एसआईटी

एसआईटी के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर हिन्दुस्तान टाइम्स को कुछ अहम जानकारियां दीं। उन्होंने बताया, 'हमने 150 से अधिक यात्रियों से संपर्क किया मगर केवल 2 ही आगे आए। पीड़ितों तक पहुंचने के लिए जिला स्तर पर टीमें बनाई गईं, लेकिन ज्यादातर ने शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया।' ऐसी स्थिति में दोषी एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करना मुश्किल होगा। मालूम हो कि केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मामले को लेकर संसद में बयान दिया। उन्होंने कहा कि एजेंटों और इसमें शामिल अन्य लोगों के बारे में लौटने वाले निर्वासित लोगों की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर कानून प्रवर्तन एजेंसियां आवश्यक कार्रवाई करेंगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निर्वासन की प्रक्रिया कोई नई नहीं है और कई वर्षों से चल रही है।

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