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भारत के दुश्मनों को कहां से मिल रहे नाटो फौज के हथियार? कश्मीर से लेकर पंजाब तक हो रही सप्लाई

  • भारत में ऐसे कई गिरोह और आतंकवादी समूह हैं जो इन हथियारों को अपने आपराधिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 4 Sep 2024 04:28 PM
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नाटो (North Atlantic Treaty Organization) अपने सदस्य देशों को रक्षा सहयोग के तहत हथियार उपलब्ध कराता है। यह हथियार आमतौर पर अत्याधुनिक होते हैं और इन्हें कड़ी सुरक्षा के साथ भेजा जाता है। लेकिन हाल के कुछ वर्षों में देखा गया है कि ये हथियार कुछ असामाजिक तत्वों, जैसे कि अपराधी गिरोह और आतंकवादी समूहों के पास पहुंच रहे हैं। इसका एक प्रमुख कारण है हथियारों की तस्करी। भारत में ऐसे कई गिरोह और आतंकवादी समूह हैं जो इन हथियारों को अपने आपराधिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि सामाजिक शांति के लिए भी एक गंभीर चुनौती है।

पिछले महीने पंजाब के शेरों में स्थित एक चेकपोस्ट पर पुलिस टीम ने एक बड़े अपराध का खुलासा किया। मामला तब पकड़ में आया जब पुलिस ने एक मारुति सुजुकी स्विफ्ट कार को तेज रफ्तार में आते देखा। पुलिस टीम ने तुरंत कार को रुकने का सिग्नल दिया, लेकिन कार में सवार लोग रुकने की बजाय भागने का प्रयास करने लगे। हालांकि, पुलिस की चुस्ती और मुस्तैदी के चलते अपराधी भागने में असफल रहे और उनकी कार पुलिस बैरिकेड्स से टकरा गई।

'मेड फॉर नाटो आर्मी'

कार की तलाशी के दौरान पुलिस ने दो संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया। इनकी पहचान हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी और लवप्रीत सिंह के रूप में हुई। दोनों की आपराधिक पृष्ठभूमि पहले से ही दर्ज थी। पुलिस ने जब कार की अच्छे से तलाशी ली, तो उसमें से चार ग्लॉक 19 पिस्तौलें बरामद हुईं। इनमें से एक पिस्तौल पर 'मेड फॉर नाटो आर्मी' लिखा हुआ था, जो इस मामले की गंभीरता को और बढ़ा देता है। इसके अलावा, चार मैगजीन, सात जिंदा कारतूस, और 4.8 लाख रुपये की हवाला की रकम भी कार से बरामद की गई।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने इस सफल ऑपरेशन के बाद बताया कि हरप्रीत सिंह के पाकिस्तान स्थित एक तस्कर से सीधे संबंध थे, जो ड्रोन के माध्यम से भारत-पाकिस्तान सीमा पर हथियार और ड्रग्स की तस्करी करता था। तरनतारन के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) गौरव तूरा ने कहा, "जांच से यह भी पता चला है कि आरोपी हरप्रीत ने आपराधिक तत्वों को हथियारों की कई खेपें पहुंचाई थीं।"

नाटो फौज के लिए बनाए गए हथियार की भारत में बरामदगी कोई अकेली घटना नहीं है। इससे पहले भी अमेरिका में बने हथियारों और नाटो फौज के इस्तेमाल वाले हथियारों की भारत में सप्लाई हुई है। ये हथियार भारत में आतंकवादियों और अपराधियों के हाथों में जा रहे हैं, जिससे देश की शांति और सुरक्षा को खतरा है। जम्मू और कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों से भी नाटो-ग्रेड के हथियार और गोला-बारूद जब्त किए गए हैं। ऐसी कई रिपोर्ट वैश्विक हथियारों की तस्करी और आतंकवाद के बीच खतरनाक गठजोड़ को दर्शाती हैं।

भारत कैसे पहुंच रहे नाटो के हथियार

2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की हड़बड़ी में वापसी के बाद बड़ी मात्रा में सैन्य हथियार वहीं छूट गए, जिनमें से अधिकांश को तालिबान ने जब्त कर लिया। अमेरिका के नेतृत्व वाली नाटो फौज के जाने के बाद तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। नाटो फौज द्वारा छोड़े गए हथियारों के जखीरे ने न केवल तालिबान को सशक्त किया, बल्कि अफगानिस्तान में मौजूद एडवांस हथियारों की यह आपूर्ति दुनिया भर के आतंकवादी संगठनों और गैर-राज्यीय ताकतों के लिए भी एक बड़ी सुविधा बन गई।

तालिबान ने अपने नए-नए हथियारों के भंडार के साथ कथित तौर पर इन हथियारों को बेचा है, जिसका इस्तेमाल जैश-ए-मुहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकवादी संगठनों ने भारतीय सेना के खिलाफ अपने अभियानों में किया है। इसी तरह, इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच इजरायल विरोधी ताकतों के साथ अमेरिका निर्मित हथियार, गोला-बारूद और अन्य सैन्य उपकरण भी देखे गए हैं। सोशल मीडिया पर हमास के आतंकवादियों द्वारा M4 असॉल्ट राइफलें लहराते हुए वीडियो वायरल हुए।

अफगानिस्तान में तालिबान ने सत्ता संभाली और...

अफगानिस्तान की इस मुद्दे में महत्वपूर्ण भूमिका है। जब से अफगानिस्तान में तालिबान ने सत्ता संभाली है, वहां की स्थिति अस्थिर हो गई है। अफगानिस्तान में लंबे समय से चल रहे युद्ध और संघर्ष के दौरान बड़ी मात्रा में हथियार वहां मौजूद रहे हैं। नाटो के कई हथियार, जो अफगानिस्तान में तैनात सेनाओं के लिए भेजे गए थे, अब तालिबान के हाथों में चले गए हैं। तालिबान के पास अब इन अत्याधुनिक हथियारों की एक बड़ी संख्या है। अफगानिस्तान में बढ़ती तस्करी और तालिबान के प्रभाव के कारण ये हथियार अन्य देशों में भी पहुंचने लगे हैं।

भारत के पड़ोस में स्थित होने के कारण, अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी भारत में गिरोहों और आतंकवादी संगठनों तक आसानी से हो सकती है। इन हथियारों का उपयोग आतंकी गतिविधियों और आपराधिक गतिविधियों में किया जा रहा है, जो भारत की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है। इस प्रकार, अफगानिस्तान में हो रहे घटनाक्रम और वहां से हथियारों की तस्करी का सीधा असर भारत पर पड़ रहा है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

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