Hindi Newsदेश न्यूज़Govt to increase reservation of Scheduled Tribes to 85 per cent in government jobs in Ladakh

लद्दाख के स्थानीय लोगों को सरकार दे सकती है बड़ा तोहफा, नौकरी में 85 प्रतिशत का मिलेगा आरक्षण

  • बीते कुछ सालों से लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग तेजी से उठ रही है। इस बीच केंद्र सरकार यहां के स्थानीय लोगों के लिए जल्द ही कुछ नई घोषणाएं कर सकती है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानThu, 6 March 2025 09:52 AM
share Share
Follow Us on
लद्दाख के स्थानीय लोगों को सरकार दे सकती है बड़ा तोहफा, नौकरी में 85 प्रतिशत का मिलेगा आरक्षण

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लोगों को सरकार जल्द ही एक बड़ा तोहफा दे सकती है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर कुछ अहम मुद्दों पर बातचीत हुई है। केंद्र सरकार ने इस दौरान जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम में संशोधन करने पर चर्चा की। संशोधन के जरिए केंद्र सरकार लद्दाख में सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 85 प्रतिशत करने की तैयारी कर रही है। बता दें कि लद्दाख में कुल आबादी में अनुसूचित जनजाति की हिस्सेदारी लगभग 80% है। इसे देखते हुए सरकार नौकरियों में एसटी के लिए 85% आरक्षण के प्रावधान पर विचार कर रही है।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सरकार इसके अतिरिक्त भी कई प्रस्ताव ला सकती है। इसमें हिल डेवलपमेंट काउंसिल में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण, नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में LAC के पास रहने वाले लोगों के लिए कोटा के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई है। इसके अलावा लद्दाख में आधिकारिक भाषा को लेकर एक बिल लाने के प्रस्ताव पर बातचीत हुई है जिसमें भोटी और उर्दू को लेह क्षेत्र की आधिकारिक भाषाओं के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव है।

ये भी पढ़ें:पूर्वी लद्दाख में मिलकर काम करने को तैयार, भारत की सख्ती के बाद चीन को आई अकल
ये भी पढ़ें:लद्दाख में सेना द्वारा लगाई गई छत्रपति शिवाजी की मूर्ति पर बढ़ा विवाद; क्या वजह
ये भी पढ़ें:अलविदा ताशी नामग्याल: लद्दाख का चरवाहा जो बिना लड़े कहलाया कारगिल युद्ध का हीरो

गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में लद्दाख के विकास के लिए गृह मंत्रालय द्वारा गठित एक उच्चस्तरीय समिति की बैठक में, क्षेत्रीय प्रतिनिधियों ने लद्दाख में सरकारी नौकरियों में लद्दाखी लोगों के लिए 95% नौकरी कोटा, पहाड़ी परिषदों में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण और उर्दू और भोटी को लद्दाख की आधिकारिक भाषाओं के रूप में शामिल करने पर सहमति जताई थी। लद्दाख के प्रतिनिधियों ने गृह मंत्रालय से एक अलग लोक सेवा आयोग की भी मांग की थी। सरकार इन मांगों पर भी विचार कर रही है। हालांकि केंद्र शासित प्रदेश को छठी अनुसूची में शामिल करने को लेकर फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं पारित किया गया है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें