Hindi Newsदेश न्यूज़Tashi Namgyal Ladakhi shepherd who alerted Army about Pakistani intrusion into Kargil passes away

अलविदा ताशी नामग्याल: लद्दाख का चरवाहा जो बिना लड़े कहलाया कारगिल युद्ध का हीरो

  • मई-जुलाई 1999 के बीच चलाए गए ऑपरेशन विजय में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को कारगिल की चोटियों से खदेड़ दिया था। यह युद्ध भारतीय सैन्य इतिहास के सबसे गौरवशाली अध्यायों में से एक है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, लेहFri, 20 Dec 2024 04:14 PM
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अलविदा ताशी नामग्याल: लद्दाख का चरवाहा जो बिना लड़े कहलाया कारगिल युद्ध का हीरो

1999 के कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ की पहली सूचना देने वाले लद्दाख के चरवाहे ताशी नामग्याल का निधन हो गया है। भारतीय सेना के लेह स्थित 14 कोर मुख्यालय ने शुक्रवार को ‘एक्स’ (ट्विटर) पर उनके निधन की खबर शेयर की है। कारगिल युद्ध (ऑपरेशन विजय) भारत और पाकिस्तान के बीच मई-जुलाई 1999 के बीच हुआ। यह युद्ध जम्मू-कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में लड़ा गया।

इस युद्ध के कई नायक थे, जिनमें चरवाहे ताशी नामग्याल का नाम भी शामिल है। नामग्याल के निधन पर सेना ने कहा, "ऑपरेशन विजय 1999 के दौरान राष्ट्र के प्रति उनकी अमूल्य सेवा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगी। इस दुख की घड़ी में हम शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।"

चरवाहे की सूझबूझ से मिली बड़ी सफलता

ताशी नामग्याल उस समय अपनी गायब याक को खोजने निकले थे, जब उन्होंने पाकिस्तान सेना के जवानों को पठान की पोशाक में देखा। उन्होंने देखा कि पाकिस्तानी सेना बटालिक की माउंटेन रेंज पर बंकर खोद रही थी। नामग्याल ने इस घुसपैठ की जानकारी भारतीय सेना को दी। इसके बाद, भारतीय सेना ने घुसपैठ की जांच शुरू की और पाया कि पाकिस्तानी सैनिक और आतंकवादी नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर भारतीय क्षेत्र में घुस चुके थे। उनकी इस सूझबूझ ने भारत को समय रहते इस साजिश का जवाब देने में सक्षम बनाया और इसके बाद ही ऑपरेशन विजय शुरू हुआ।

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ऑपरेशन विजय: एक गौरवशाली इतिहास

मई-जुलाई 1999 के बीच चलाए गए ऑपरेशन विजय में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को कारगिल की चोटियों से खदेड़ दिया था। यह युद्ध भारतीय सैन्य इतिहास के सबसे गौरवशाली अध्यायों में से एक है। भारतीय सेना और लद्दाख के लोग ताशी नामग्याल के योगदान को हमेशा याद रखेंगे। उन्होंने न केवल एक घुसपैठ को रोका, बल्कि अपनी सूझबूझ और साहस से देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई।

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