मेक इन इंडिया पर फोकस, विकसित भारत का लक्ष्य; डिफेंस डील पर जापान के साथ मंथन
- उन्होंने महत्वपूर्ण और उभरते प्रौद्योगिकी डोमेन में सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में दायरे को और व्यापक बनाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जापान के रक्षा मंत्री किहारा मिनोरू ने भारत-जापान टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता के मौके पर द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, रक्षा मंत्रियों ने मौजूदा रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की और आगे सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों मंत्रियों ने भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के रक्षा और सुरक्षा आधारों की समीक्षा की। मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच रक्षा अभ्यासों और आदान-प्रदान की बढ़ती विविधता का स्वागत किया।
उन्होंने महत्वपूर्ण और उभरते प्रौद्योगिकी डोमेन में सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में दायरे को और व्यापक बनाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों मंत्रियों ने मेक इन इंडिया पर ध्यान केंद्रित करने और सह-उत्पादन एवं सह-विकास में साझेदारी को और बढ़ाने के साथ भारत और जापान के बीच औद्योगिक सहयोग के अवसरों पर चर्चा की।
रक्षा मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ने स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने पर 2047 में प्रवेश करने पर ‘विकसित भारत’ का एक दृष्टिकोण निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि घरेलू रक्षा क्षमताओं का निर्माण इस दृष्टिकोण का एक अभिन्न हिस्सा है, उन्होंने कहा कि जापान के साथ रक्षा प्रौद्योगिकियों और उद्योग में साझेदारी इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण होगी। दोनों मंत्रियों ने 2047 में भारत के उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु इस साझेदारी के लिए एक दृष्टिकोण तैयार करने की प्रतिबद्धता जताई।
हिंद प्रशांत क्षेत्र पर भारत-जापान का रुख एक जैसा : जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत-जापान स्वतंत्र, खुले और नियम आधारित हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध हैं। हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर भारत और जापान के बीच हुई टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान उन्होंने यह बात कही।
मंत्रिस्तरीय वार्ता में जापानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री योको कामिकावा और रक्षा मंत्री किहारा माइनोरू ने किया। वहीं, जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय दल का नेतृत्व किया। जयशंकर ने कहा, पिछले एक दशक में भारात-जापान के संबंधों ने एक विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी का रूप ले लिया है। उन्होंने कहा, हमने एक-दूसरे के प्रयासों को सुविधाजनक बनाने, एक-दूसरे के उद्देश्यों को समझने, एक-दूसरे की स्थिति को मजबूत करने और साझा दृष्टिकोण वाले अन्य देशों के साथ काम करने की कोशिश की है।
लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है साझेदारी : राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा, भारत-जापान की विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है। उन्होंने कहा, भारत ने 2047 तक एक विकसित देश बनने का लक्ष्य रखा है और घरेलू रक्षा क्षमताओं का निर्माण इस दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण पहलू है। रक्षा मंत्री ने कहा, रक्षा क्षेत्र में भारत-जापान साझेदारी हमारे लक्ष्य को साकार करने के लिए एक महत्वपूर्ण होगी।
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