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भारत ने पाकिस्तान को 26/11 का जवाब नहीं दिया था, अब हमने दिया है: जयशंकर

  • जयशंकर ने कहा कि पहले, भारत ने 26/11 का जवाब नहीं दिया। लेकिन अब हमने उरी और बालाकोट हमलों के साथ पाकिस्तान को जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि आज का भारत सिर्फ आगे बढ़ना जानता है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 6 Dec 2024 06:33 PM
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज कहा कि भारत अब आत्मरक्षा के मामले में पहले जैसा नहीं रहा। जयशंकर ने 2008 के मुंबई 26/11 आतंकी हमलों के बाद तत्कालीन सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर आलोचना की। जयशंकर ने कहा कि पहले, भारत ने 26/11 का जवाब नहीं दिया। लेकिन अब हमने उरी और बालाकोट हमलों के साथ पाकिस्तान को जवाब दिया है।

NDTV 'इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड्स 2024' में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, "भारत ने 26/11 (मुंबई आतंकी हमले) को अब पीछे छोड़ दिया है। अब हम उरी और पुलवामा जैसे आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान को जवाब दे रहे हैं। किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि हम जी20 शिखर सम्मेलन (मेजबान) से पीछे हट जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। क्योंकि आज का भारत पीछे हटना और पीछे मुड़कर देखना नहीं चाहता। आज का भारत सिर्फ आगे बढ़ना जानता है।"

उरी और बालाकोट स्ट्राइक की पृष्ठभूमि

सितंबर 2016 में, जम्मू-कश्मीर के उरी में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) द्वारा किए गए हमले में 19 भारतीय सैनिकों की मौत के बाद भारत ने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। फरवरी 2019 में, पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी के आत्मघाती हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया।

26/11 हमलों का भयावह मंजर

2008 में मुंबई में 26/11 के हमलों के दौरान पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, लियोपोल्ड कैफे, नरीमन हाउस, कामा अस्पताल और मेट्रो सिनेमा सहित प्रमुख स्थानों को निशाना बनाया। तीन दिनों तक चले इन हमलों में 166 लोगों की मौत हुई, जिनमें 20 सुरक्षाकर्मी और 26 विदेशी शामिल थे, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए।

सुरक्षा व्यवस्था में सुधार

26/11 के बाद, भारत में तटीय सुरक्षा की समीक्षा की गई। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना को समुद्री सुरक्षा, तटीय सुरक्षा और अपतटीय सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है। इस काम में नौसेना को कोस्ट गार्ड, राज्य मरीन पुलिस और अन्य केंद्रीय व राज्य एजेंसियों का सहयोग मिलता है। जयशंकर ने इन घटनाओं का जिक्र करते हुए भारत की बदलती सैन्य और कूटनीतिक शक्ति पर जोर दिया और कहा कि अब भारत अपनी सुरक्षा और सम्मान से समझौता नहीं करता।

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