Hindi Newsदेश न्यूज़Collegium made recommendation why government not appointing Chief Justices of the High Courts

कॉलेजियम ने की सिफारिश, फिर भी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को नियुक्त क्यों नहीं कर रही सरकार? जानिए वजह

  • अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि उन्हें केंद्र सरकार से कुछ जानकारियां मिली हैं।

Amit Kumar भाषा, नई दिल्लीSat, 14 Sep 2024 10:18 PM
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केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा है कि सरकार के पास मौजूद 'संवेदनशील तथ्य' विभिन्न उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम की सिफारिशों के क्रियान्वयन में देरी की वजह हैं। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि उन्हें केंद्र सरकार से कुछ जानकारियां मिली हैं, जो संवेदनशील प्रकृति की हैं। उन्होंने शीर्ष अदालत से यह भी कहा कि इन मुद्दों को सार्वजनिक करना न तो संस्थान के हित में होगा और न ही इसमें शामिल न्यायाधीशों के हित में।

वेंकटरमणी ने पीठ से कहा, "मैं जानकारियों और सुझावों को न्यायाधीशों के अवलोकन के लिए सीलबंद लिफाफे में रखना चाहूंगा।" मामले की सुनवाई अब 20 सितंबर को होगी। शीर्ष अदालत अधिवक्ता हर्ष विभोर सिंघल की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें केंद्र द्वारा उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित न्यायाधीशों की नियुक्ति को अधिसूचित करने के लिए एक निश्चित समय सीमा तय करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

याचिका में कहा गया है कि निश्चित समय अवधि के अभाव में, ‘‘सरकार मनमाने ढंग से नियुक्तियों को अधिसूचित करने में देरी करती है, जिससे न्यायिक स्वतंत्रता पर कुठाराघात होता है, संवैधानिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में पड़ती है तथा न्यायालय की गरिमा एवं दूरदर्शिता का अपमान होता है।’’ याचिका में कहा गया है कि यदि किसी नाम पर आपत्ति नहीं की जाती है या ऐसी निश्चित अवधि के अंत तक नियुक्तियों को अधिसूचित नहीं किया जाता है, तो ऐसे न्यायाधीशों की नियुक्तियों को अधिसूचित माना जाना चाहिए।

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