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असम में लगातार बढ़ रहे मुसलमान, भविष्य में बड़ी आपदा का डर; CM हिमंत बिस्वा ने ऐसा क्यों कहा

  • मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कहा कि दशकों से मुस्लिम आबादी में वृद्धि और हिंदुओं के पलायन के कारण असम में महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय बदलाव हो रहे हैं। सरमा ने भविष्य में आपदा की भी आशंका जताई।

Gaurav Kala गुवाहाटी, उत्पल पाराशर, हिन्दुस्तान टाइम्सTue, 27 Aug 2024 04:12 PM
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कहा कि दशकों से मुस्लिम आबादी में वृद्धि और हिंदुओं के पलायन के कारण राज्य में महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय बदलाव हो रहे हैं। सरमा ने भविष्य में आपदा की भी आशंका जताई। राज्य विधानसभा सत्र में एक प्रस्ताव पर बोलते हुए, सीएम सरमा ने कहा कि यह वर्तमान में असम के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है और सभी विधायकों से इस पर बहस करनी चाहिए। इससे पहले नागांव में 14 साल की बच्ची से दुष्कर्म की घटना के संदर्भ में सरमा ने सदन में कहा था कि वो 'मियां' मुस्लिमों को असम पर कब्जा नहीं करने देंगे।

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा सत्र के दौरान कहा, “निचले असम के जिलों में जनसांख्यिकी इतनी तेज गति से बदल रही है कि ऐसा लगता है कि यह एक अभूतपूर्व मानव आपदा की ओर बढ़ रहा है। इसके पीछे कई कारक हैं. एक तो मुसलमानों में उच्च जन्म दर का होना और दूसरा, अनेक हिंदुओं का पलायन। निचले और मध्य असम के इलाकों में मुसलमानों के बीच ऐसी कोई बात दर्ज नहीं की गई है।”

आजादी के बाद से लगातार बढ़ रही मुस्लिम आबादी

सरमा ने आगे कहा, “जब भारत आजाद हुआ, तो असम में मुस्लिम आबादी 22% थी। 1951 में यह 24.68% दर्ज की गई और 2001 में 30.9 तक पहुंच गई। आंकड़े बताते हैं कि सबसे अधिक वृद्धि 2001 और 2011 के बीच दर्ज की गई थी। इस निरंतर वृद्धि के कारण सभी जिलों में जनसांख्यिकीय वृद्धि हुई है।

2011 की जनगणना के अनुसार, असम की आबादी 31.2 मिलियन है, जिसमें हिंदू 19 मिलियन (61.47%) से थोड़ा अधिक और मुस्लिम 10.6 मिलियन (34.22%) हैं। ईसाइयों की संख्या 11 लाख से ज्यादा है, सिखों की संख्या लगभग 20,000, बौद्धों की संख्या 54,000, जैनियों की संख्या 25,000 है।

अपने इलाके के हिंदुओं की रक्षा करें मुसलमान विधायक

सीएम सरमा ने कहा कि जहां निचले और मध्य असम के कई इलाकों में हिंदुओं की आबादी में गिरावट आई है। वहीं ऊपरी असम के हिंदू बहुल इलाकों में मुसलमानों की आबादी में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, “अगर यह प्रवृत्ति जारी रही तो आने वाले वर्षों में असम आंदोलन जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी। यह सुनिश्चित करना इस सदन की जिम्मेदारी है कि ऐसा न हो।'' सरमा ने मुस्लिम विधायकों से अपने निर्वाचन क्षेत्रों में रहने वाले हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। साथ ही मुस्लिम समुदाय से लड़कियों को 18 साल की होने से पहले शादी न करने के लिए भी कहा।

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