Hindi Newsदेश न्यूज़CJI DY Chandrachud compares Supreme Court India to US Supreme court over speed of Cases Hearing Why

एक दिन में हम जितने केस सुनते हैं, उतने में US सुप्रीम कोर्ट लगा देता है एक साल; CJI क्यों बताने लगे हाल

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अपने कार्यकाल में उल्लेखनीय कार्यों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने तकनीक का इस्तेमाल कर न सिर्ऱ केस आवंटन बल्कि त्वरित सुनवाई की व्यवस्था में भी बड़ा बदलाव लाया है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 18 Oct 2024 03:13 PM
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देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अपनी बेबाक टिप्पणियों और जिंदा दिल व्यवहार के लिए मशहूर रहे हैं। वे कोर्ट रूम में कई बार ऐसी टिप्पणी कर चुके हैं, जिससे अदालत का माहौल दोस्ताना दिखा है। शुक्रवार को जब उनकी पीठ के समक्ष एक जनहित याचिका सुनवाई के लिए आई, जिसमें शीर्ष अदालत से यह अपील की गई थी कि देश भर की अदालतों में लंबित सभी मामलों की सुनवाई 11 महीने के अंदर कर लिया जाए। इसके तहत सुप्रीम कोर्ट, सभी हाई कोर्ट और सभी जिला अदालतों को भी शामिल किया गया था।

याचिका की पैरवी कर रहे वकील ने जब इस अर्जी के पक्ष में दलील देना शुरू किया और ये कहा कि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में ऐसी व्यवस्था है तो चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ बीच में ही बोल पड़े। उन्होंने कहा, यह बहुत जरूरी है लेकिन इस लक्ष्य को निर्धारित समय-सीमा के अंदर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने उसी वकील से पूछा, "क्या आपको पता है कि अमेरिका का सर्वोच्च न्यायालय रोजाना और सालाना कितने मामलों का निपटारा करता है।" मुख्य न्यायाधीश ने इसके आगे कहा, “एक दिन में हमलोगों ने 17 बेंचों के जरिए जितने मामलों का निपटारा किया है, उतने केसों की सुनवाई करने में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट को एक साल लग जाता है। हम इस बात पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते कि कौन इस न्यायालय में आ सकता है और कौन नहीं।”

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बता दें कि अगस्त 2024 तक सुप्रीम कोर्ट में करीब 83000 मामले लंबित हैं। TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में लंबित मामलों की संख्या में लगभग 4,000 केस की वृद्धि हुई है, जो बढ़कर 83,000 के करीब पहुंच गई है। यह अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। हालांकि, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अपने कार्यकाल में उल्लेखनीय कार्यों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने तकनीक का इस्तेमाल कर न सिर्ऱ केस आवंटन बल्कि त्वरित सुनवाई की व्यवस्था में भी बड़ा बदलाव लाया है। वह अगले महीने 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह अब जस्टिस संजीव खन्ना देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। उन्होंने इस बाबत अपनी अनुशंसा केंद्र सरकार को भेज दी है।

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