आपकी हिम्मत कैसे हुई इधर झांकने की... भरी अदालत वकील पर क्यों भड़क उठे CJI चंद्रचूड़
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ये मत भूलिए कि मैं अभी भी प्रभारी हूं, हालांकि, थोड़े ही दिन के लिए हूं क्योंकि अब मेरा कार्यकाल ज़्यादा नहीं बचा है, लेकिन मैं अपने आखिरी दिन तक इस कोर्ट का इन-चार्ज हूं।
देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ आज (गुरुवार) को सुप्रीम कोर्ट में भरी अदालत तब भड़क उठे, जब एक वकील ने CJI की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से यह कहा कि उसने कोर्ट मास्टर से कोर्ट में लिखे गए ऑर्डर के विवरण के बारे में क्रॉस-चेक किया है। इतना सुनते ही CJI चंद्रचूड़ गुस्सा हो उठे। उन्होंने उस वकील को फटकार लगाते हुए कहा, "आपने कोर्ट मास्टर से यह पूछने की हिम्मत कैसे की कि मैंने कोर्ट में क्या लिखवाया है? आपने कैसे कोर्ट मास्टर की डायरी देखने की हिमाकत की? तब तो कल आप मेरे घर भी आ जाएंगे और मेरे निजी सचिव या स्टेनोग्राफर से पूछेंगे कि मैं क्या कर रहा हूं। वकील अपना सारा विवेक खो चुके हैं क्या।"
इस पर वकील ने कहा कि कोर्ट मास्टर की डायरी से पता चला कि मध्यस्थ नियुक्त किया गया है। इसके बाद सीजेआई ने अपने कोर्ट मास्टर से कहा, "आपने उससे कुछ बोला था क्या?" इस पर कोर्ट मास्टर सीजेआई को कुछ बताते हैं। इसके बाद भी जस्टिस चंद्रचूड़ चुप नहीं हुए। उन्होंने आगे कहा, “वह तो कुछ और बता रहे हैं।” CJI ने कहा कि अंतिम आदेश वह होता है जिस पर हम हस्ताक्षर करते हैं। उन्होंने कहा, "ये अजीबोगरीब तरकीबें फिर से मत आजमाइएगा।"
इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “ये मत भूलें, मैं अभी भी प्रभारी हूं, हालांकि, थोड़े ही दिन के लिए हूं क्योंकि अब मेरा कार्यकाल ज़्यादा नहीं बचा है, लेकिन मैं अपने आखिरी दिन तक इस कोर्ट का इन-चार्ज हूं।” एक मध्यस्थता के मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने ये सख्त टिप्पणी की। बता दें कि जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। उनके बाद जस्टिस संजीव खन्ना देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे।
अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान, मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने अदालत में शिष्टाचार सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया है और अक्सर वकीलों को प्रक्रियाओं को दरकिनार करने और अदालत में उदासीन आचरण के लिए फटकार लगाई है। इसका ताजा उदाहरण इस सप्ताह की शुरुआत में अदालत में देखने को मिला था, जब CJI ने बेंच को संबोधित करते हुए एक वकील द्वारा अनौपचारिक 'हाँ' (yeah) कहने पर आपत्ति जताई थी और वकील की आलोचना की थी। मुख्य न्यायाधीश ने सख्ती से कहा, "यह कोई कॉफी शॉप नहीं है! जहां आप yeah-yeah कहें। उन्होंने तब कहा था कि मुझे इस yeah-yeah से बहुत एलर्जी है। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।"