Hindi Newsदेश न्यूज़China says it stands ready to deliver on Modi Xi Jinping common understandings to improve ties

PM मोदी की कूटनीति की एक और जीत, आपसी सहमति के सभी मुद्दे लागू करने को तैयार हुआ चीन

रूस के कजान शहर में पिछले महीने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर हुई लगभग 50 मिनट की बैठक में मोदी और शी ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले बाकी स्थानों से सैनिकों की वापसी और वहां गश्त शुरू करने को लेकर भारत और चीन के बीच हुए समझौते का समर्थन किया था।

Pramod Praveen भाषा, बीजिंगMon, 18 Nov 2024 10:44 PM
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चीन ने सोमवार को कहा कि वह रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर हुई मुलाकात में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच अहम मुद्दों पर बनी आम सहमति को लागू करने के लिए तैयार है। ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर मोदी और शी के बीच मुलाकात की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, “राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कजान में हाल ही में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी।”

उन्होंने कहा, “चीन दोनों देशों के नेताओं के बीच अहम मुद्दों पर बनी आम सहमति को लागू करने, संवाद एवं सहयोग बढ़ाने और रणनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।” जियान ने कहा कि उन्हें नेताओं और अधिकारियों के बीच बैठक के कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं है। रूस के कजान शहर में पिछले महीने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर हुई लगभग 50 मिनट की बैठक में मोदी और शी ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले बाकी स्थानों से सैनिकों की वापसी और वहां गश्त शुरू करने को लेकर भारत और चीन के बीच हुए समझौते का समर्थन किया था।

दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्र को बहाल करने के निर्देश भी जारी किए थे। बैठक में मोदी ने मतभेदों और विवादों को उचित तरीके से निपटाने तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति व स्थिरता को भंग करने की अनुमति नहीं देने के महत्व को रेखांकित किया था। उन्होंने कहा था कि परस्पर विश्वास, एक-दूसरे का सम्मान और परस्पर संवेदनशीलता को संबंधों का आधार बने रहना चाहिए। वहीं, शी ने कहा था कि चीन-भारत संबंध मूलतः इस बात पर निर्भर करते हैं कि दोनों बड़े विकासशील देश, जिनमें हर एक की आबादी करीब 1.4 अरब है, एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करते हैं।

उन्होंने कहा था कि चीन और भारत को एक-दूसरे के प्रति अच्छी रणनीतिक धारणा बनाए रखनी चाहिए तथा दोनों देशों के सद्भाव से रहने व साथ-साथ विकास करने के लिए “सही और उज्ज्वल मार्ग” तलाशने की दिशा में मिलकर काम करना चाहिए। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण सैन्य झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे। यह झड़प पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच हुई सबसे भीषण सैन्य झड़प थी।

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भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बाकी स्थानों से सैनिकों को हटाने तथा गश्त शुरू करने को लेकर 21 अक्टूबर को एक समझौते पर सहमत हुए थे। इस समझौते को पूर्वी लद्दाख में लगभग चार वर्षों से जारी सैन्य गतिरोध के समाधान की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा गया था। मोदी और शी ने भारत-चीन सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए जल्द मिलने और एलएसी से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए अपने प्रयास जारी रखने का भी निर्देश दिया था।

इस वार्ता के लिए भारत के विशेष प्रतिनिधि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल हैं, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री वांग यी करते हैं। विशेष प्रतिनिधि तंत्र की स्थापना 2003 में की गई थी। तब से दोनों पक्षों के बीच 20 दौर की वार्ता हो चुकी है। आखिरी वार्ता 2019 में हुई थी।

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