वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हमारी सरकार, इफ्तार समारोह में चंद्रबाबू नायडू ने किया वादा
- मुख्यमंत्री ने मुस्लिम समुदाय के आर्थिक उत्थान के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने कल्याण के लिए 5,300 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को विजयवाड़ा में राज्य सरकार द्वारा आयोजित एक इफ्तार समारोह में वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इस मौके पर उन्होंने मुस्लिम समुदाय को रमजान की मुबारकबाद दी और कहा कि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) हमेशा से अल्पसंख्यकों के कल्याण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हमेशा वक्फ संपत्तियों की रक्षा करती रही है और आगे भी करेगी। उन्होंने सरकार के आदेश (GO) 43 को लेकर उत्पन्न हुए विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि इस आदेश के कारण वक्फ बोर्ड के कामकाज पर असर पड़ा था।
विवादित आदेश को रद्द कर किया सुधार
नायडू ने स्पष्ट किया, "GO 43 आने के बाद अनावश्यक विवाद पैदा हुआ। जब मामला अदालत तक पहुंचा, तो वक्फ बोर्ड का कामकाज ठप हो गया। हमारी सरकार बनते ही हमने इस आदेश को रद्द किया और बोर्ड को पुनर्गठित कर वक्फ संपत्तियों की रक्षा सुनिश्चित की।"
मुस्लिम समुदाय के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर
मुख्यमंत्री ने मुस्लिम समुदाय के आर्थिक उत्थान के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने 2025-26 के बजट में अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण के लिए 5,300 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। नायडू ने कहा, "टीडीपी सरकार ने मुस्लिम समुदाय के साथ न्याय किया है और एनडीए शासन में उनकी स्थिति और भी बेहतर होगी।" उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एन. टी. रामाराव के शासनकाल का उल्लेख करते हुए बताया कि टीडीपी सरकार ने हमेशा मुस्लिम समुदाय के कल्याण को प्राथमिकता दी है।
हज हाउस और धार्मिक नेताओं के लिए सम्मान राशि
नायडू ने बताया कि टीडीपी शासन के दौरान हैदराबाद में हज हाउस का निर्माण कराया गया था, और अमरावती में एक नए हज हाउस की आधारशिला रखी गई थी, लेकिन वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) सरकार की लापरवाही के कारण यह परियोजना ठप हो गई। मुख्यमंत्री ने मुस्लिम धार्मिक नेताओं के लिए दिए जाने वाले मानदेय में भी वृद्धि की घोषणा की। अब इमामों को 10,000 रुपये और मुअज्जिनों को 5,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। इस अवसर पर कानून एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री एन. मोहम्मद फारूक, खनन एवं भूविज्ञान मंत्री कोल्लू रविंद्र, और गुंटूर ईस्ट के विधायक मोहम्मद नसीर अहमद सहित कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने इफ्तार के दौरान मुस्लिम धार्मिक नेताओं के साथ विशेष नमाज में हिस्सा लिया और समुदाय के साथ भोजन भी किया। उन्होंने कहा कि टीडीपी की स्थापना से ही अल्पसंख्यकों के साथ उसका गहरा जुड़ाव रहा है और यह पार्टी धर्मनिरपेक्षता और समावेशी विकास में विश्वास रखती है।
हालांकि, इस आयोजन का कुछ मुस्लिम संगठनों ने बहिष्कार किया, जो वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर नाराज हैं। इन संगठनों ने विधेयक को वापस लेने की मांग की है। इसके बावजूद, नायडू ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार मुस्लिम समुदाय के आर्थिक उत्थान और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठा रही है।
बता दें कि चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है, जो केंद्र में सत्ताधारी गठबंधन है। एनडीए सरकार वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 लाने की तैयारी में है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और सुधार लाना है। हालांकि, इस बिल का कई मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों ने विरोध किया है, इसे अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमला करार दिया है। नायडू एनडीए के एक प्रमुख सहयोगी हैं और उन्होंने इस बिल का विरोध नहीं किया है।
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