Hindi Newsदेश न्यूज़Bangladesh Sheikh Hasina called Mohammad Yunus a fascist says Captured power through conspiracy

साजिश करके सत्ता पर किया कब्जा, मोहम्मद यूनुस पर फिर बरसीं शेख हसीना; बताया फासीवादी

  • शेख हसीना की टिप्पणी पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। हसीना ने कहा कि अवामी लीग 2041 तक रहमान के स्वर्णिम बांग्लादेश के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।

Madan Tiwari हिन्दुस्तान टाइम्स, रेजाउल एच लस्कर, नई दिल्लीSun, 15 Dec 2024 11:31 PM
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर एक बार फिर से हमला बोला। हसीना ने यूनुस को एक अलोकतांत्रिक समूह का नेतृत्व करने वाला फासीवादी बताया, जिनकी लोगों के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है। 16 दिसंबर को बांग्लादेश के 1971 के मुक्ति संग्राम में पाकिस्तानी सेना की हार के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले बिजॉय दिबोस या विजय दिवस की पूर्व संध्या पर एक बयान में हसीना ने कहा कि देश विरोधी समूहों ने घरेलू और विदेशी साजिशों के माध्यम से अवैध और असंवैधानिक रूप से सत्ता पर कब्जा कर लिया है।

बंगाली में दिए गए इस लंबे भाषण में शेख हसीना ने मुख्य रूप से बांग्लादेश के उदय के लिए संघर्ष में उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान और अवामी लीग की भूमिका का जिक्र किया। बयान के अंत में हसीना ने नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस पर निशाना साधा, जिन्होंने अगस्त में उनके पद छोड़ने और भारत भाग जाने के कुछ दिनों बाद ही कार्यवाहक प्रशासन का गठन कर लिया था। हसीना ने कहा, "फासीवादी यूनुस के नेतृत्व वाले इस अलोकतांत्रिक समूह की लोगों के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है। वे सत्ता पर कब्जा कर रहे हैं और सभी लोक कल्याण कार्यों में बाधा डाल रहे हैं।''

शेख हसीना की टिप्पणी पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। हसीना ने कहा कि अवामी लीग 2041 तक रहमान द्वारा परिकल्पित स्वर्णिम बांग्लादेश के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है, जहां लोग भूख और गरीबी से मुक्त होंगे। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के लगभग पांच करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत कवर किया गया था और उन्हें विभिन्न भत्ते दिए गए थे, लेकिन आरोप है कि इनमें से अधिकांश भत्ते बंद कर दिए गए हैं।

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हसीना ने कहा कि बांग्लादेश के लोग महंगाई के बोझ तले दबे हुए हैं और भूखे लोग कूड़ेदानों से खाना उठा रहे हैं। हसीना ने कहा, "चूंकि यह सरकार लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई नहीं है, इसलिए लोगों के प्रति उनकी कोई जवाबदेही नहीं है। उनका मुख्य उद्देश्य मुक्ति संग्राम और मुक्ति समर्थक ताकतों की भावना को दबाना और उनकी आवाज को दबाना है।"

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