हिंदुओं की रक्षा करना बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी, भारत ने मोहम्मद यूनुस को खूब सुनाया
- भारत ने बांग्लादेश को हिंदुओं पर हुए हमलों को लेकर खूब सुनाया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ-साथ उनकी संपत्तियों, धार्मिक संस्थानों की भी रक्षा करना बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है।

India Bangladesh Tension: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद से पड़ोसी देश के हालात काफी खराब हैं। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में चल रही सरकार में हिंदुओं समेत तमाम अल्पसंख्यकों की स्थिति बद्तर हो गई है। अब भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश को खूब सुनाया है और कहा है कि हिंदुओं और उनकी संपत्तियों की रक्षा करना वहां की सरकार की जिम्मेदारी है। साथ ही, यह भी कहा है कि भारत स्थिर और समावेशी बांग्लादेश का समर्थन करता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ''हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ-साथ उनकी संपत्तियों, धार्मिक संस्थानों की भी रक्षा करना बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है।'' उन्होंने बांग्लादेश के संबंध में आगे कहा कि हम बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंतित हैं, जो हिंसक चरमपंथियों की रिहाई से और भी बदतर हो गई है। हम स्थिर, शांतिपूर्ण, समावेशी बांग्लादेश का समर्थन करते हैं, जहां सभी मुद्दों का समाधान लोकतांत्रिक तरीकों और समावेशी चुनावों के माध्यम से किया जाता है।
हिंदुओं के खिलाफ जमकर हुई हिंसा
बांग्लादेश में सत्ता विरोधी प्रदर्शन के बाद पांच अगस्त को शेख हसीना देश छोड़कर भारत भाग आई थीं। उस समय छात्रों समेत अन्य लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ। लोगों को उम्मीद थी कि यूनुस देश के हालात सुधारेंगे, लेकिन स्थिति बेकाबू हो गई। हिंदुओं को निशाना बनाया जाने लगा। मंदिरों और भगवान की मूर्तियों पर हमले होने लगे। इसके अलावा, हिंदुओं को नौकरियों से भी जबरन हटाया जाने लगा। इस दौरान कई हिंदुओं की जान भी गई। भारत सरकार पूरे मामले में करीब से नजर बनाए हुए है और कई बार बांग्लादेश सरकार से स्थिति को बेहतर करने की अपील कर चुकी है।
बांग्लादेश की मांग पर कोई जवाब नहीं दे रहा भारत
इस बीच, बांग्लादेश भारत से शेख हसीना को वापस भेजने की मांग कर रहा है, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला। मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि ढाका ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए भारत को औपचारिक पत्र भेजे थे, लेकिन नयी दिल्ली से कोई आधिकारिक जवाब नहीं मिला। सरकारी समाचार एजेंसी 'बीएसएस' की खबर के अनुसार, ब्रिटेन के चैनल 'स्काई न्यूज' को दिए साक्षात्कार में यूनुस ने कहा कि हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध के लिए मुकदमा चलाया जायेगा। बांग्लादेश में पिछले वर्ष छात्रों के नेतृत्व में व्यापक पैमाने पर हुए प्रदर्शन के बाद हसीना (77) भारत आ गई थीं और वह गत पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य एवं असैन्य अधिकारियों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
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