लड़की बहिन योजना के साथ क्या करने जा रही फडणवीस सरकार? विपक्ष देने लगा चेतावनी
- राउत ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले महायुति सरकार ने महिलाओं के दस्तावेजों की सही तरीके से जांच नहीं की और हर वर्ग की महिलाओं को ₹1500 प्रति माह का लाभ दिया।
महाराष्ट्र की महायुति सरकार द्वारा शुरू की गई 'लड़की बहिन योजना' विवादों के घेरे में है। दरअसल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में संकेत दिया कि योजना के लाभार्थियों की पात्रता की फिर से जांच की जाएगी ताकि केवल योग्य महिलाओं को ही इसका लाभ मिले। शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने इस कदम को महिला विरोधी बताते हुए सरकार की तीखी आलोचना की है।
शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "महिला वोटरों को लुभाने के लिए सरकार ने खुद ही बिना दस्तावेजों की जांच किए पैसे वितरित किए। अब यह सरकार उन महिलाओं को नोटिस देकर परेशान नहीं कर सकती। मुख्यमंत्री का बयान एक तरह से महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई का संकेत है।"
चुनाव से पहले नहीं की गई पात्रता जांच
राउत ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले महायुति सरकार ने महिलाओं के दस्तावेजों की सही तरीके से जांच नहीं की और हर वर्ग की महिलाओं को ₹1500 प्रति माह का लाभ दिया। उन्होंने कहा, "सरकार ने बड़ी तनख्वाह पाने वाली महिलाओं और गाड़ी मालिकों को भी योजना में शामिल किया। अब जब सरकार सत्ता में आ गई है, तो उसे स्वार्थी रवैया नहीं अपनाना चाहिए। योजना को जारी रखना चाहिए और महिलाओं को परेशान नहीं करना चाहिए।"
एनसीपी की चेतावनी
एनसीपी (एस-पी) के प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा, "अगर सरकार महिलाओं से पैसा वापस मांगने की कोशिश करती है या उन्हें योजना से बाहर करती है, तो महाविकास अघाड़ी सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी।" तापसे ने यह भी कहा कि सरकार को अपना वादा निभाना चाहिए और लाभ राशि को ₹1500 से बढ़ाकर ₹2100 करना चाहिए, जैसा कि चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया गया था।
सरकार का पक्ष
मुख्यमंत्री फडणवीस ने पद ग्रहण करने के बाद कहा था कि योजना जारी रहेगी और लाभ राशि को ₹2100 किया जाएगा। लेकिन उन्होंने पात्रता जांच के संकेत भी दिए थे। भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, "अगर हम ₹2100 देने का वादा पूरा नहीं करते, तो विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बना सकता है। हमें अपने वादे पर अडिग रहना होगा।"
अब तक 2.34 करोड़ महिलाएं हुईं लाभान्वित
इस योजना के तहत अब तक 2.34 करोड़ महिलाओं को लाभ मिल चुका है। पूर्व महिला और बाल कल्याण मंत्री व एनसीपी विधायक अदिति तटकरे ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रारंभिक जांच के बाद ही लाभार्थियों का चयन किया था। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आगे की जांच केवल शिकायत आधारित होगी और बड़े पैमाने पर नहीं की जाएगी। महायुति सरकार पर विपक्ष का दबाव है कि वह योजना को बिना किसी भेदभाव के जारी रखे। वहीं, सरकार के लिए चुनौती है कि वह सही पात्रों को लाभ पहुंचाने के साथ-साथ विपक्ष के आरोपों का सामना करे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-शिवसेना- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के ‘महायुति’ गठबंधन के पास 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 230 सीट के साथ मजबूत बहुमत है।