मेरी बीमारी तक का मजाक बनाया और मैं साथ दूं? राज ठाकरे का नाम लेते ही भड़क गए उद्धव
- राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे माहिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके मुकाबले उद्धव सेना ने भी कैंडिडेट उतारा है। पहले चर्चाएं थी कि उद्धव सेना कैंडिडेट वापस ले सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस संबंध में जब उद्धव ठाकरे से पूछा गया तो उन्होंने सख्त रिएक्शन दिया।
राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे माहिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके मुकाबले उद्धव सेना ने भी कैंडिडेट उतारा है। पहले चर्चाएं थी कि उद्धव सेना कैंडिडेट वापस ले सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस संबंध में जब उद्धव ठाकरे से पूछा गया तो उन्होंने सख्त रिएक्शन दिया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरा खून का रिश्ता तो महाराष्ट्र की जनता के साथ है। उन्होंने राज ठाकरे पर हमला बोलते हुए कहा कि जो लुटेरों के साथ है, उससे मेरा क्या रिश्ता? मैं ऐसे लोगों को सपोर्ट करने की बात तो सपने में भी नहीं सोच सकता। अब बात ही खत्म, इसके आगे क्या कहना है।
उद्धव ठाकरे ने कहा, 'महाराष्ट्र से मेरा खून का रिश्ता है। महाराष्ट्र मेरा परिवार है, कोरोना काल में मैंने जिस परिवार की जिम्मेदारी ली, उस परिवार को लूटा जा रहा है। 'उन्होंने' (राज ठाकरे) घोषणा की है कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनेंगे। इसलिए महाराष्ट्र की लूट बड़े पैमाने पर होगी।' उद्धव ठाकरे ने कहा कि डबल ट्रिपल इंजन महाराष्ट्र के लुटेरे हैं, जो भी उनका समर्थन करते हैं, वे लुटेरे हैं। राज ठाकरे के बारे में बात करते हुए उद्धव ने कहा कि उन्होंने मेरी बीमारी का भी मजाक उड़ाया था। भगवान न करे, जिन्होंने मेरी आलोचना की उन्हें उस पल या उस स्थिति का अनुभव अवश्य हुआ होगा। क्या मैं उन लोगों की मदद करूं, जिन्होंने मेरा मज़ाक उड़ाया।
उन्होंने कहा कि इन लोगों ने मेरा मजाक बनाया। उन्होंने उनकी मदद की, जिन्होंने मेरी पार्टी तोड़ दी। उद्धव ने विषय बदलते हुए कहा कि राज ठाकरे इस बार मेरे पास नहीं आए, मैं निजी मामलों में नहीं जाना चाहता। मैं उन लोगों की मदद नहीं करूंगा, जो महाराष्ट्र को लूटने वालों की मदद करते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज की शपथ लेकर उद्धव ठाकरे ने ये बात कही।
उद्धव और आदित्य की रैली न होने से लग रहे थे कयास
दरअसल यह बात सामने आई है कि माहिम विधानसभा क्षेत्र में ठाकरे गुट के उम्मीदवार महेश सावंत के लिए उद्धव और उनके बेटे आदित्य की प्रचार सभा तय नहीं है। इसलिए राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा होने लगी कि उद्धव ठाकरे बिना प्रचार किए अप्रत्यक्ष रूप से मदद कर रहे हैं। लेकिन अब उद्धव ठाकरे ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।