Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़Supreme Court refuses to stay Dharavi project setback for UAE company against Adani

सुप्रीम कोर्ट ने धारावी परियोजना पर रोक लगाने से किया इनकार, अडानी के खिलाफ UAE की कंपनी को झटका

  • अपनी याचिका में सेकलिंक ने महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसकी पहले की बोली रद्द कर दी गई थी और परियोजना अडानी प्रॉपर्टीज लिमिटेड को सौंप दी गई थी।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईFri, 7 March 2025 02:43 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने धारावी परियोजना पर रोक लगाने से किया इनकार, अडानी के खिलाफ UAE की कंपनी को झटका

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को धारावी पुनर्विकास परियोजना (डीआरपी) के निर्माण कार्य पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए अडानी ग्रुप के पक्ष में निर्णय दिया। यूएई स्थित सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉर्पोरेशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परियोजना का काम पहले ही शुरू हो चुका है और कुछ रेलवे क्वॉर्टर्स का ध्वस्तीकरण भी किया जा चुका है।

अपनी याचिका में सेकलिंक ने महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसकी पहले की बोली रद्द कर दी गई थी और परियोजना अडानी प्रॉपर्टीज लिमिटेड को सौंप दी गई थी।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया कि परियोजना से संबंधित सभी भुगतान सिंगल एस्क्रो खाते से किए जाएं। मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला उचित था, क्योंकि रेलवे लाइन का भी विकास कर परियोजना में शामिल किया जाएगा।

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सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और अडानी प्रॉपर्टीज को नोटिस जारी किया है और मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 मई की तारीख तय की है। सेक्लिंक टेक्नोलॉजीज ने दावा किया था कि उसने 2019 में धारावी पुनर्विकास के लिए 7,200 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जिसे महाराष्ट्र सरकार ने रद्द कर दिया और 2022 में नई निविदा जारी की, जो अडानी समूह को दी गई। सेक्लिंक ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह अपनी बोली को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए तैयार है। कोर्ट ने सेक्लिंक को अपनी संशोधित बोली का विवरण एक हलफनामे में जमा करने का निर्देश दिया।

यह परियोजना मुंबई के धारावी क्षेत्र, जो एशिया का सबसे बड़ा स्लम माना जाता है, को आधुनिक शहरी केंद्र में बदलने की योजना है। अडानी समूह की रियल एस्टेट कंपनी, अडानी प्रॉपर्टीज, ने नवंबर 2022 में सबसे ऊंची बोली लगाकर इस परियोजना में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की थी, जबकि महाराष्ट्र सरकार के पास शेष 20 प्रतिशत हिस्सा है।

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