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एकनाथ शिंदे की नाराजगी पर संजय राउत ले रहे मजे, एक भविष्यवाणी भी कर दी

  • उद्धव ठाकरे की शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका दौर खत्म हो गया है। उनका दौर महज 2 साल का था, जिसे भाजपा ने अब खत्म कर दिया है। यह बात तो एकनाथ शिंदे को पहले ही समझ में आनी चाहिए थी।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईThu, 5 Dec 2024 03:05 PM
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महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस आज नए मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले हैं। उससे पहले सस्पेंस का दौर भी जारी है और अब तक क्लियर नहीं है कि एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम की शपथ लेंगे या नहीं। वह चीफ मिनिस्टर न बनाए जाने और फिर गृह मंत्रालय भी न देने से नाराज बताए जा रहे हैं। इस बीच उद्धव ठाकरे की शिवसेना इस पर मजे लेने लगी है। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका दौर खत्म हो गया है। उनका दौर महज 2 साल का था, जिसे भाजपा ने अब खत्म कर दिया है। यह बात तो एकनाथ शिंदे को पहले ही समझ में आनी चाहिए थी।

संजय राउत ने कहा, 'एकनाथ शिंदे का दौर अब खत्म हो गया है। उनकी जितनी जरूरत थी, वह भाजपा ने पूरी कर ली। अब तो उनकी पार्टी को भी भाजपा तोड़ सकती है। भाजपा की राजनीति हमेशा ऐसी ही रहेगी। वे उसी पार्टी को बर्बाद कर देते हैं, जो उनके साथ काम करती है।' यही नहीं संजय राउत ने एक भविष्यवाणी भी कर दी। उन्होंने कहा कि यह तय हो गया है कि अब एकनाथ शिंदे कभी भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। भाजपा ने उनका पूरा इस्तेमाल कर लिया है और किनारे फेंक दिया है।

राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि अब तो राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस होंगे। उनके पास बहुमत है। फिर भी 15 दिनों तक सरकार नहीं बन पाई तो इसके पीछे क्या वजह थी। इसका मतलब है कि भाजपा में ही या फिर महायुति में कुछ गड़बड़ी चल रही थी। हम कल से ही देखेंगे कि इन लोगों के बीच क्या होता है।

संजय राउत ने फिर से उठा दिया ईवीएम वाला सवाल

उन्होंने कहा कि ये लोग महाराष्ट्र के हित में कुछ नहीं कर रहे बल्कि अपने निजी स्वार्थों को साधने के लिए साथ आए हैं। उन्होंने ईवीएम पर भी एक बार फिर से सवाल उठाया। राउत ने कहा कि अब तक तमाम गांवों में लोग नतीजों को स्वीकार नहीं कर पाए हैं। उनका कहना है कि हमने जिनको वोट डाला था, उनके खाते में दिखाया ही नहीं गया। आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि जिसे वोट डाला, उसे नहीं गया बल्कि कोई ही जीत गया।

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