फडणवीस को गृह, शिंदे को शहरी विकास मंत्रालय; महाराष्ट्र में हो गया विभागों का बंटवारा
- मुख्यमंत्री फडणवीस को गृह मंत्रालय के साथ-साथ कानून और न्याय विभाग का प्रभार दिया गया है। यह विभाग राज्य की कानून व्यवस्था और प्रशासन के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
महाराष्ट्र सरकार ने मंत्रिमंडल के विभागों का बंटवारा कर दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गृह मंत्रालय और कानून एवं न्याय विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को शहरी विकास, आवास और लोक निर्माण विभाग सौंपा गया है। डिप्टी सीएम अजित पवार को वित्त एवं योजना विभाग और आबकारी विभाग की कमान सौंपी गई है। इस विभागीय बंटवारे के बाद महाराष्ट्र की सियासत में सत्ता के संतुलन को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
मुख्यमंत्री फडणवीस को गृह मंत्रालय के साथ-साथ कानून और न्याय विभाग का प्रभार दिया गया है। यह विभाग राज्य की कानून व्यवस्था और प्रशासन के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे
शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रमुख एकनाथ शिंदे को शहरी विकास और आवास मंत्रालय के अलावा लोक निर्माण विभाग (PWD) की जिम्मेदारी दी गई है। शहरी विकास विभाग मुंबई और अन्य शहरी इलाकों में बुनियादी ढांचे से जुड़े अहम फैसलों में भूमिका निभाएगा।
डिप्टी सीएम अजित पवार
एनसीपी नेता अजित पवार को वित्त और योजना विभाग का प्रभार दिया गया है, जो राज्य की आर्थिक नीति और बजट से संबंधित है।
और किसे क्या मिला?
सत्र शुरू होने से पहले 15 दिसंबर को 39 मंत्रियों ने शपथ ली थी जबकि फडणवीस और उनके दो उपमुख्यमंत्रियों ने पांच दिसंबर को पद की शपथ ली थी। भाजपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना के महायुति गठबंधन ने 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में 288 में से 230 सीट पर जीत हासिल की थी।
भाजपा के चंद्रशेखर बावनकुले (राजस्व), राधाकृष्ण विखे पाटिल (जल संसाधन-कृष्णा एवं गोदावरी घाटी विकास निगम), चंद्रकांत पाटिल (उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, संसदीय मामले), गिरीश महाजन (जल संसाधन- विदर्भ, तापी, कोंकण विकास निगम और आपदा प्रबंधन), गणेश नाइक (वन), मंगल प्रभात लोढ़ा (कौशल विकास, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार), जयकुमार रावल (विपणन और प्रोटोकॉल), पंकजा मुंडे (पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, पशुपालन) अतुल सावे (ओबीसी कल्याण, डेयरी विकास और नवीकरणीय ऊर्जा) विभाग आवंटित हुए हैं।
भाजपा के अन्य मंत्री जिन्हें विभाग आवंटित किये गये हैं उनमें अशोक उइके (आदिवासी विकास), आशीष शेलार (सांस्कृतिक कार्य एवं सूचना प्रौद्योगिकी), शिवेंद्र सिंह भोसले (लोक निर्माण विभाग) शामिल है। जयकुमार गोरे को ग्रामीण विकास और पंचायती राज, संजय सावकारे को कपड़ा, नितेश राणे को मत्स्य पालन और बंदरगाह, आकाश फुंडकर को श्रम विभाग दिया गया है।
विभाग पाने वाले शिवसेना के मंत्रियों में गुलाबराव पाटिल (जल आपूर्ति एवं स्वच्छता), दादाजी भूसे (स्कूल शिक्षा), संजय राठौड़ (मृदा एवं जल संरक्षण), उदय सामंत (उद्योग एवं मराठी भाषा), शंभुराज देसाई (पर्यटन, खनन, भूतपूर्व सैनिक कल्याण), संजय शिरसाट (सामाजिक न्याय), प्रताप सरनाईक (परिवहन), भारत गोगावले (रोजगार गारंटी, बागवानी, खारी भूमि विकास), प्रकाश अबितकर (लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) शामिल हैं।
वहीं विभाग पाने वाले राकांपा के मंत्रियों में हसन मुश्रीफ (चिकित्सा शिक्षा), धनंजय मुंडे (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण), दत्तात्रेय भरणे (खेल, युवा कल्याण एवं अल्पसंख्यक विकास एवं औकाफ), अदिति तटकरे (महिला एवं बाल विकास), माणिकराव कोकाटे (कृषि) शामिल हैं।
नरहरि जिरवाल को खाद्य एवं औषधि प्रशासन, विशेष सहायता दी गई है। मकरंद पाटिल को राहत और पुनर्वास दिया गया है, जबकि बाबासाहेब पाटिल को राहत एवं पुनर्वास आवंटित किया गया है।
राज्य मंत्रियों में, शिवसेना के आशीष जायसवाल को वित्त और योजना, कृषि, राहत और पुनर्वास, कानून एवं न्यायपालिका तथा श्रम दिया गया है। भाजपा की माधुरी मिसाल को शहरी विकास, परिवहन, सामाजिक न्याय, चिकित्सा शिक्षा, अल्पसंख्यक विकास और औकाफ दिया गया है।
भाजपा के ही पंकज भोयर को गृह (ग्रामीण), आवास, स्कूल शिक्षा, सहकारिता और खनन विभाग मिला है। भाजपा की मेघना बोर्डिकर को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता, ऊर्जा, महिला एवं बाल विकास, लोक निर्माण (सार्वजनिक उद्यम) विभाग मिला है।
भाजपा-शिवसेना-एनसीपी के महायुति गठबंधन ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज की। शिवसेना ने एकनाथ शिंदे के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग की थी। हालांकि, कई दिनों के ड्रामे के बाद शिंदे ने नरमी दिखाई और फडणवीस को मुख्यमंत्री पद सौंप दिया।
फडणवीस ने मुख्यमंत्री, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर पांच दिसंबर को शपथ ली थी और 15 दिसंबर को शीतकालीन सत्र से पहले 39 मंत्रियों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गठबंधन ‘महायुति’ ने 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीटें जीती थीं।