Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़Maharashtra BJP Problems Not End after getting CM Post Eknath Shinde gave new Tension

CM पद मिलने के बाद भी खत्म नहीं हुईं बीजेपी की मुश्किलें, एकनाथ शिंदे ने दी नई टेंशन

  • एकनाथ शिंदे ने बीजेपी की मुश्किलें फिर से बढ़ा दी हैं। दरअसल, विभागों के बंटवारे को लेकर अब बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी आमने-सामने आ गई है। बीजेपी और शिवसेना, दोनों ही गृह मंत्रालय चाहते हैं।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईWed, 11 Dec 2024 10:30 PM
share Share
Follow Us on

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद बीजेपी को भले मिल गया हो, लेकिन टेंशन अभी खत्म नहीं हुई है। चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे पहले मुख्यमंत्री पद के लिए काफी समय तक कथित तौर पर नाराज रहे, पर बाद में डिप्टी सीएम बनने के लिए राजी हो गए। अब शिंदे ने बीजेपी की मुश्किलें फिर से बढ़ा दी हैं। दरअसल, विभागों के बंटवारे को लेकर अब बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी आमने-सामने आ गई है। बीजेपी और शिवसेना, दोनों ही गृह मंत्रालय चाहते हैं, क्योंकि सरकार में यह विभाग सबसे बड़ा माना जाता है। पुलिस भी गृह विभाग को ही रिपोर्ट करती है। ऐसे में दोनों ही दलों ने इस पर अपना दावा ठोंक दिया है।

एनडीटीवी के सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ फडणवीस, अजित पवार और एकनाथ शिंदे की अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक से एकनाथ शिंदे दूरी बना सकते हैं। बैठक में महाराष्ट्र के विभागों के बंटवारे पर फैसला होना है। पिछली सरकार में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे, लेकिन गृह विभाग उनके पास नहीं था। यह देवेंद्र फडणवीस के पास था। इसी वजह से अब शिंदे चाहते हैं कि चूंकि सीएम पद उन्हें नहीं मिला तो पिछली सरकार की ही तरह गृह विभाग शिवसेना के ही हिस्से में आए। हालांकि, बीजेपी इतनी आसानी से बात मानती नहीं दिख रही है। शिवसेना को शहरी विकास, लोक निर्माण विभाग और राजस्व विभाग की पेशकश की जा सकती है।

ये भी पढ़ें:‘शिंदे गुट असली शिवसेना’ का फैसला करने वाले राहुल नार्वेकर दूसरी बार बने स्पीकर
ये भी पढ़ें:शिंदे भावुक, प्रैक्टिकल हैं पवार; फडणवीस ने बताया दोनों डिप्टी CM को कैसे मनाया

सिर्फ बीजेपी और शिवसेना में ही विभागों को लेकर टकराव नहीं है, बल्कि एनसीपी की भी कई मांगे हैं। अजित पवार भी शिवसेना के बराबर ही हिस्सेदारी चाह रही है। पार्टी का दावा है कि उसका स्ट्राइक रेट अच्छा रहा। वह कम सीटों पर लड़ी, लेकिन उसके बाद भी ज्यादा कैंडिडेट्स जीतकर आए। एनसीपी वित्त मंत्रालय चाहती है। यह विभाग पिछली सरकार में एनसीपी के पास ही था, लेकिन इस बार शिवसेना भी वित्त विभाग चाहती है। माना जा रहा है कि वित्त, योजना और सिंचाई विभाग एनसीपी के हिस्से में ही जा सकते हैं। बीजेपी को इस सरकार में सबसे ज्यादा 22, शिवसेना को 12 और एनसीपी को 9 विभाग मिल सकते हैं।

अगला लेखऐप पर पढ़ें