एकनाथ शिंदे भावुक स्वभाव के, लेकिन प्रैक्टिकल हैं अजित पवार; फडणवीस ने बताया दोनों डिप्टी CM को कैसे मनाया
- मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे सामूहिक रूप से तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चाहे गृह मंत्रालय हो या कोई अन्य विभाग हम सब मिलकर फैसला करेंगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को शपथ लेने के बाद अपने दोनों उपमुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजित पवार के बारे में बात की है। उन्होंने शिंदे को बहुत ही भावुक इंसान तो पवार को प्रैक्टिकल बताया है। फडणवीस ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, "शिंदे जी स्वभाव से भावुक हैं जबकि अजित दादा व्यावहारिक राजनीति करते हैं। मैंने दोनों के साथ अच्छा तालमेल बनाया है।"
फडणवीस ने बताया कि सरकार गठन के लिए तीनों दलों को विभिन्न मुद्दों पर चर्चा और सहमति बनानी पड़ी। उन्होंने कहा, "पिछले 2.5 वर्षों में हमने शिंदे जी और अजित पवार दादा के साथ बहुत मेहनत की। यह एक रोलर कोस्टर जैसा सफर था।"
शिंदे के डिप्टी सीएम बनने की अनिच्छा पर चल रही चर्चा का खंडन करते हुए उन्होंने कहा, "अगर पार्टी प्रमुख सरकार के बाहर हो तो पार्टी सही ढंग से नहीं चल सकती। मैंने शिंदे जी को यह समझाया। इसी बीच हमने तीनों ने साथ में कुछ मजेदार मीम्स भी देखे।"
पोर्टफोलियो आवंटन पर स्पष्टता
न्यूज-18 को दिए एक इंटरव्यू के दौरान मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे सामूहिक रूप से तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चाहे गृह मंत्रालय हो या कोई अन्य विभाग हम सब मिलकर फैसला करेंगे।
विपक्षी नेता पर निर्णय
विपक्ष के नेता के बारे में फडणवीस ने कहा कि यह पूरी तरह से विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार में है। उन्होंने कहा, "अगर अध्यक्ष विपक्ष के नेता की नियुक्ति करते हैं तो हम इसका विरोध नहीं करेंगे।"
पिछले पांच वर्षों को चुनौतीपूर्ण बताते हुए फडणवीस ने कहा, "मैंने कभी दोबारा मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद नहीं की थी। मेरा मकसद केवल सरकार को वापस लाना था। 2019 में जनादेश मिलने के बाद भी उद्धव ठाकरे ने हमें धोखा दिया। हमने 2.5 वर्षों तक संघर्ष किया और हमारे सभी सहयोगी हमारे साथ खड़े रहे।"
लोकसभा चुनाव और विपक्षी हमले
फडणवीस ने स्वीकार किया कि 2019 के लोकसभा चुनावों में विपक्ष द्वारा बनाई गई नकारात्मक धारणाओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, "विपक्ष के हमलों ने मेरे प्रति स्वाभाविक सहानुभूति पैदा की। लोगों को एहसास हुआ कि हर मुद्दे के लिए मुझे ही निशाना बनाया जा रहा है।"
फडणवीस ने बताया कि तीनों दलों के बीच किसी भी मुद्दे पर सहमति बनाने की प्रक्रिया कठिन हो सकती है, लेकिन यह राजनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, "हम सभी कड़ी मेहनत करते हैं और समझौते करते हैं।"