अजित पवार दिलाएंगे देवेंद्र फडणवीस को पावर? कैसे एकनाथ शिंदे की राह होगी मुश्किल
- एनसीपी और भाजपा का जनाधार अलग-अलग इलाकों में है। वहीं शिवसेना की तमाम सीटों पर एनसीपी से डायरेक्ट फाइट होती रही है। ऐसे में अजित पवार के विधायक मानते हैं कि देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनने से उन्हें सहजता होगी। एनसीपी के नेता छगन भुजबल ने अप्रत्यक्ष रूप से इसका समर्थन भी किया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को बड़ी जीत मिली है। इसके बाद भी अब तक सीएम को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। एक तरफ 132 सीटें लाने के बाद से भाजपा नेता उत्साहित हैं और देवेंद्र फडणवीस को ही सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे की शिवसेना भी उम्मीद लगाए बैठी है। शिवसेना के कई नेता लगातार दोहरा रहे हैं कि यह चुनाव एकनाथ शिंदे की लीडरशिप में लड़ा गया था, इसलिए उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। वहीं भाजपा के लिए अजित पवार उम्मीद की किरण बन गए हैं।
अब तक जिन अजित पवार और उनकी एनसीपी को गठबंधन के लिए चिंता की वजह माना जा रहा था, वह अब भाजपा के हित में दिख रहे हैं। दरअसल अजित पवार की पार्टी के ज्यादातर विधायक चाहते हैं कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री बनें। इसका कारण यह है कि अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के व्यक्तिगत रिश्ते काफी अच्छे माने जाते हैं। यहां तक कि 2019 में दोनों ने शपथ भी ले ली थी, लेकिन सरकार नहीं चला पाए थे। फडणवीस और अजित पवार के अच्छे रिश्ते रहे हैं और दोनों के सहयोगियों के बीच प्रतिद्वंद्विता भी नहीं रही है।
इसका कारण है कि एनसीपी और भाजपा का जनाधार अलग-अलग इलाकों में है। वहीं शिवसेना की तमाम सीटों पर एनसीपी से डायरेक्ट फाइट होती रही है। ऐसे में अजित पवार के विधायक मानते हैं कि देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनने से उन्हें सहजता होगी। एनसीपी के नेता छगन भुजबल ने अप्रत्यक्ष रूप से इसका समर्थन भी किया है। उन्होंने कहा, 'हम देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के खिलाफ नहीं हैं।' वहीं सीनियर भाजपा लीडर चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री को लेकर फैसला तो हाईकमान को करना है, लेकिन हमारे सभी विधायकों की एक स्वर से मांग है कि देवेंद्र फडणवीस को ही मुख्यमंत्री बनाया जाए।
वहीं शिवसेना के नेताओं को लगता है कि शायद गठबंधन धर्म को बढ़ावा देने के लिए भाजपा एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बना दे। हालांकि एक नेता ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि भाजपा एकनाथ शिंदे को मौका देगी, लेकिन यह भी जानते हैं कि उसने 132 सीटें पाई है और हम दबाव बनाने की स्थिति में नहीं हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में जादुई आंकड़ा 145 का है और भाजपा उससे महज 13 सीट ही दूर है। इसके अलावा अजित पवार की एनसीपी के पास भी 41 सीटें हैं, जबकि एकनाथ शिंदे के पास 57 हैं। इस तरह किसी एक साथी की मदद से भी भाजपा सरकार बनाने की स्थिति में है।
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