Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़how devendra fadnavis came close to pm narendra modi two interesting stories

कैसे देवेंद्र फडणवीस ने दो मौकों पर अपने जवाब से PM मोदी की नजर में बढ़ाया कद

  • भाजपा के मामलों की समझ रखने वाले मानते हैं कि देवेंद्र फडणवीस के इतना ताकतवर नेता होने की वजह उनकी कामकाज की शैली है और पीएम नरेंद्र मोदी का उन पर भरोसा है। माना जाता है कि पीएम नरेंद्र मोदी उन पर भरोसा रखते हैं और फडणवीस की नेतृत्व की क्षमता और मेहनत को सराहते रहे हैं।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईWed, 4 Dec 2024 12:36 PM
share Share
Follow Us on

देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। भाजपा विधायक दल की मीटिंग में उनके नाम पर मुहर लग गई। सुधीर मुनगंटीवार और चंद्रकांत पाटिल जैसे सीनियर नेताओं ने देवेंद्र फडणवीस को नेता चुने जाने का प्रस्ताव रखा, जिसका सभी नेताओं ने एक स्वर से अनुमोदन किया। मंच पर आकर पंकजा मुंडे समेत कई नेताओं ने उन्हें बधाई दी और उनके नाम पर सहमति दी। इस तरह 5 साल पहले खुद के समंदर की तरह लौटने का दावा करने वाले देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं।

भाजपा के मामलों की समझ रखने वाले मानते हैं कि देवेंद्र फडणवीस के इतना ताकतवर नेता होने की वजह उनकी कामकाज की शैली है और पीएम नरेंद्र मोदी का उन पर भरोसा है। माना जाता है कि पीएम नरेंद्र मोदी उन पर भरोसा रखते हैं और फडणवीस की नेतृत्व की क्षमता और मेहनत को सराहते रहे हैं। इस संबंध में महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ पत्रकार ने उन दो मौकों का भी जिक्र किया, जिनके चलते पीएम मोदी का देवेंद्र फडणवीस पर भरोसा बढ़ गया और फिर 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाया गया। तब देवेंद्र फडणवीस प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे।

ऐसा पहला वाकया लोकसभा चुनाव का है। कहा जाता है कि 2014 के आम चुनाव में जब नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में आखिरी प्रचार रैली की थी तो वापसी के दौरान एयरपोर्ट पर कई नेता उन्हें छोड़ने आए थे। इस दौरान उन्होंने कुछ लोगों ने से पूछा कि आखिर हम कितनी सीटें राज्य में पा सकते हैं। इस पर कई नेताओं ने कहा कि हम 15 से 20 सीटें पा सकते हैं। इस बीच जब नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फडणवीस की ओर संकेत किया तो उन्होंने कहा कि हम 40 सीटें जीत सकते हैं। अंत में जब नतीजा आया तो आंकड़ा 41 का था। भाजपा को 23 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना को 18 पर जीत मिली।

ये भी पढ़ें:लौटकर आया समंदर, देवेंद्र फडणवीस ही होंगे महाराष्ट्र के CM, भाजपा ने लगा दी मुहर
ये भी पढ़ें:महाराष्ट्र में मंत्री पद को लेकर इस फार्मूले पर बन गई सहमति! किसके हाथ क्या?
ये भी पढ़ें:महाराष्ट्र के सीएम पर सस्पेंस, शपथ ग्रहण से पहले अलग-अलग शहरों में तीनों दिग्गज

कुछ महीने बाद ही महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव आया। लोकसभा में भाजपा ने ज्यादा सीटें जीती थीं और इसी आधार पर वह विधानसभा में ज्यादा सीटों पर दावेदारी कर रही थी। वहीं शिवसेना अब भी सीनियर पार्टनर रहना चाहती थी। इस पर लंबी बहस चली और अंत में भाजपा और शिवसेना ने अलग होकर चुनाव लड़ा। भाजपा ने 260 सीटों पर कैंडिडेट उतारे और फिर 122 पर जीत हासिल हुई। कहा जाता है कि यह फैसला लेने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फडणवीस से सलाह ली थी कि हमें अलग होकर लड़ना चाहिए या फिर शिवसेना के साथ रहें। इस पर फडणवीस ने अकेले दम पर उतरने की बात कही। उनका यह सुझाव था कि भाजपा अकेले उतरी और नतीजा पक्ष में आया।

2014 के विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली से आया क्या संदेश

इन दो वाकयों के बाद पीएम नरेंद्र मोदी का देवेंद्र फडणवीस पर भरोसा बढ़ गया। 2014 में जब विधानसभा का रिजल्ट आया तो कई नेताओं के नाम की चर्चा थी कि वे सीएम बन सकते हैं। लेकिन अंत में देवेंद्र फडणवीस के नाम पर ही मुहर लगी। कहा जाता है कि यह संदेश दिल्ली से ही आया था कि फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाए।

अगला लेखऐप पर पढ़ें