चेहरे पर मायूसी और कुर्सी थोड़ा दूर; एकनाथ शिंदे की बॉडी लैंग्वेज क्या कह रही
- महाराष्ट्र में नई सरकार का शपथ समारोह हो गया है। देवेंद्र फडणवीस सीएम बन गए हैं तो अब तक मुख्यमंत्री रहे एकनाथ शिंदे ने डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली है। अजित पवार ने भी शपथ ली है। महायुति के तीनों ही दलों के लिए यह बेहद खुशी का अवसर था, लेकिन एकनाथ शिंदे की बॉडी लैंग्वेज की चर्चा हो रही है।
महाराष्ट्र में नई सरकार का शपथ समारोह हो गया है। देवेंद्र फडणवीस सीएम बन गए हैं तो अब तक मुख्यमंत्री रहे एकनाथ शिंदे ने डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली है। उनके अलावा अजित पवार ने भी शपथ ली है। महायुति के तीनों ही दलों के लिए यह बेहद खुशी का अवसर था, लेकिन एकनाथ शिंदे की बॉडी लैंग्वेज की चर्चा हो रही है। वह मंच पर मायूस बैठे नजर आए, जबकि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार एक साथ बैठे नजर आए। दोनों के चेहरों पर मुस्कान थी और एक सी जैकेट पहने हुए थे। वहीं थोड़ी सी दूरी पर एकनाथ शिंदे अलग ही बैठे थे और मायूसी उनके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी।
एकनाथ शिंदे के इस रुख को लेकर चर्चा तेज है कि आखिर वह शपथ समारोह में भी खुश क्यों नहीं दिखे। इसका जवाब शिवसेना के सूत्र ही देते हैं। शिवसेना नेताओं का कहना है कि एकनाथ शिंदे ने भले ही पार्टी नेताओं के ही आंतरिक दबाव में और अन्य समीकरणों को साधने के लिए शपथ ले ली। लेकिन वह इस बात से निराश हैं कि भाजपा उन्हें गृह मंत्रालय नहीं दे रही। कहा जा रहा है कि वह आज ही अमित शाह से भी मुलाकात करने वाले हैं। इस दौरान वह आखिरी कोशिश के तहत एक बार फिर से गृह मंत्रालय पर दावा ठोकेंगे।
अजित पवार की ट्यूनिंग भी कर रही है असहज?
चुनाव नतीजे आने के बाद से ही अजित पवार कहते रहे हैं कि वह डिप्टी सीएम बनने को तैयार हैं। माना जा रहा है कि भाजपा को 132 सीटें मिलने से वह काफी खुश हैं। उन्हें लगता है कि अब उनके लिए एकनाथ शिंदे की बजाय देवेंद्र फडणवीस के साथ काम करने को मौका मिलेगा, जिनसे उनकी अच्छी ट्यूनिंग है। इसके अलावा देवेंद्र फडणवीस को भी यह अच्छा लग रहा है। उन्हें लगता है कि अजित पवार को साथ लेकर वह कभी भी एकनाथ शिंदे को ऐसी स्थिति में नहीं आने देंगे कि वह दबाव बना सकें। इस तरह कुछ निजी रिश्तों और कुछ हालात के चलते अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस आपस में सहज हैं। यह बात भी एकनाथ शिंदे की असहजता की वजह बन गई है।