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महायुति जीता तो CM कौन? अमित शाह के बयान से उठे सवालों के बाद क्या बोले एकनाथ शिंदे

  • महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की जीत हुई तो मुख्यमंत्री कौन होगा? यह सवाल सूबे में गूंज रहा है और लोग भाजपा समेत एकनाथ शिंदे की शिवसेना से भी यह सवाल पूछ रहे हैं। सीएम एकनाथ शिंदे ने जवाब दिया है कि महायुति में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई रेस नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी जंग तो MVA में है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईMon, 11 Nov 2024 02:21 PM
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की जीत हुई तो मुख्यमंत्री कौन होगा? यह सवाल सूबे में गूंज रहा है और लोग भाजपा समेत एकनाथ शिंदे की शिवसेना से भी यह सवाल पूछ रहे हैं। इस बीच सीएम एकनाथ शिंदे ने जवाब दिया है कि महायुति में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई रेस नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी जंग तो महाविकास अघाड़ी में है। शिंदे ने कहा कि हमें भरोसा है कि लोग वोट देंगे और खासकर महिलाओं का हमें अच्छा समर्थन मिलेगा क्योंकि हमने उनके लिए काम करके दिखाया है। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ सीएम पद को लेकर रेस चलने की बात पर एकनाथ शिंदे ने ऐसा कुछ भी नहीं है।

उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी में ऐसा है कि कुछ लोग अपना चेहरा दिखाना चाहते हैं और सीएम पद की रेस में आना उनका मकसद है। आखिर जब एमवीए में ही ऐसे चेहरों को कोई पसंद नहीं कर पा रहा है तो फिर महाराष्ट्र की जनता क्यों उन्हें चुनेगी। दरअसल यह बहस इसलिए तेज हो गई थी क्योंकि भाजपा का मेनिफेस्टो जारी करने के दौरान अमित शाह से सीएम को लेकर सवाल पूछा गया था। इस पर अमित शाह ने कहा था कि फिलहाल एकनाथ शिंदे हमारे मुख्यमंत्री हैं। उसके बाद कौन होगा, इस पर चुनाव के बाद हमारे गठबंधन के सभी दल बैठकर फैसला लेंगे। हम शरद पवार को जीतने का मौका नहीं देंगे।

एकनाथ शिंदे ने सीएनएन-आईबीएन को दिए इंटरव्यू में असली शिवसेना को लेकर चल रही दावेदारी पर भी बात की। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में जनता ने बता दिया था कि असली शिवसेना कौन है। हमारा औसत और वोटों की संख्या उनसे अधिक थी। एकनाथ शिंदे ने कहा कि इसका मतलब है कि मराठी माणुस हमारे साथ है और इस बार यह समर्थन 10 गुना तक अधिक होगा। उन्होंने कहा कि हमें लड़की बहिन योजना का लाभ मिलेगा और महिलाएं खूब समर्थन करेंगी। इसके साथ ही उन्होंने लड़का और भाऊ यानी बेटे और भाइयों के समर्थन की भी बात कही। यही वजह है कि वे लोग कहते हैं कि यदि हम सत्ता में आए तो ऐसी स्कीम ही खत्म कर देंगे।

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