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देवेंद्र फडणवीस ने कमान संभालते ही एकनाथ शिंदे के करीबी को हटाया, अब तक था अहम जिम्मा

  • एकनाथ शिंदे ने पद संभालते ही चिवटे को सीएम रिलीफ फंड की कमान सौंपी थी, लेकिन अब फडणवीस ने भी सत्ता बदलते ही चिवटे को हटा दिया है। रामेश्वर नाइक को देवेंद्र फडणवीस का करीबी माना जाता है। वह फडणवीस के डिप्टी सीएम रहने के दौरान मेडिकल एड सेल का काम देख रहे थे।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईThu, 12 Dec 2024 09:15 AM
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रामेश्वर नाइक को सीएम रिलीफ फंड का हेड नियुक्त किया है। इसके अलावा अब यह जिम्मेदारी संभाल रहे मंगेश चिवटे की छुट्टी कर दी गई है। वह एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री रहने के दौरान यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे। जून 2022 में एकनाथ शिंदे ने पद संभालते ही चिवटे को सीएम रिलीफ फंड की कमान सौंपी थी, लेकिन अब फडणवीस ने भी सत्ता बदलते ही चिवटे को हटा दिया है। रामेश्वर नाइक को देवेंद्र फडणवीस का करीबी माना जाता है। वह फडणवीस के डिप्टी सीएम रहने के दौरान मेडिकल एड सेल का काम देख रहे थे।

प्राकृतिक आपदाओं एवं दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों के परिजनों को सीएम रिलीफ फंड से मदद मिलती है। इसके अलावा घायलों को भी इसके जरिए राहत दी जाती है। आमतौर पर मुख्यमंत्री इस फंड की निगरानी के लिए किसी करीबी नेता को ही जिम्मेदारी देते हैं ताकि आसानी से लोगों की मदद की जा सके। इस तरह फडणवीस ने भी अपने करीबी रामेश्वर नाइक को यह कमान दी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वह कुछ और बदलाव कर सकते हैं। चर्चा है कि शनिवार को महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार भी हो सकता है। इसके अलावा मंत्रियों के विभागों का बंटवारा होने की भी संभावना है।

यही नहीं खबर है कि कुछ मंत्रियों का इस बार कैबिनेट से पत्ता कट सकता है, जो एकनाथ शिंदे की ढाई साल की सरकार का हिस्सा थे। इन मंत्रियों में अब्दुल सत्तार और दिलीप वलसे पाटिल जैसे नेता शामिल हैं। कहा जा रहा है कि इन लोगों के बारे में चर्चा है कि ये विधायकों से कट गए थे और कार्यकर्ता शिकायतें कर रहे थे। ऐसे में अब नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। बता दें कि शिवसेना के सूत्रों का भी कहना है कि तीन नेताओं को मंत्रालय नहीं मिलेगा, जो अब तक मंत्री पद पर थे। इसके अलावा एकनाथ शिंदे गुट को भाजपा ने साफ कर दिया है कि उन्हें गृह मंत्रालय नहीं मिल पाएगा। यही नहीं राजस्व विभाग देने से भी भाजपा ने साफ इनकार कर दिया है।

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