महाराष्ट्र में भाजपा की सुनामी, 80 फीसदी सीटों पर खिला कमल; ऐसी जीत मिली नहीं कभी
- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रुझानों में भाजपा की हवा या आंधी नहीं बल्कि सुनामी दिख रही है। भाजपा ने राज्य की 148 सीटों पर चुनाव लड़ा था और अब तक आए रुझानों में वह 127 सीटों पर आगे चल रही है। यदि यह रुझान नतीजे में बदलते हैं तो भाजपा की यह अब तक की सबसे बड़ी जीत होगी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रुझानों में भाजपा की हवा या आंधी नहीं बल्कि सुनामी दिख रही है। भाजपा ने राज्य की 148 सीटों पर चुनाव लड़ा था और अब तक आए रुझानों में वह 127 सीटों पर आगे चल रही है। यदि यह रुझान नतीजे में बदलते हैं तो भाजपा की यह अब तक की सबसे बड़ी जीत होगी। भाजपा का स्ट्राइक रेट 84 फीसदी का रहा है, जो राजनीतिक पंडितों को भी हैरान करने वाला है। महाराष्ट्र के चुनावी इतिहास में भाजपा को पहली बार इतनी अधिक सीटें मिलेंगी। इससे पार्टी राज्य की सियासत में मजबूत होने के साथ ही गठबंधन में भी बेहद ताकतवर होकर उभरेगी और अपना ही सीएम बनाने में उसे सफलता मिल सकती है।
भाजपा के लिए 127 सीटों पर बढ़त पाने के साथ ही स्ट्राइक रेट भी मायने रखता है। भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में 260 सीटों पर कैंडिडेट उतारे थे, लेकिन 122 सीटों पर ही जीत मिली थी। इसके बाद 2019 में उसका शिवसेना के साथ गठबंधन हुआ था और 150 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इसके बाद भी उसे 105 सीटों पर ही जीत मिली थी। इस तरह देखें तो भाजपा को महाराष्ट्र के अपने चुनावी इतिहास में सबसे बड़ी जीत मिली है। इससे पहले भाजपा को 2009 में 46 और 2004 में 54 सीटों पर जीत मिली थी।
विधानसभा चुनाव में भाजपा का यह बहुमत इतना धमाकेदार है कि महाविकास अघाड़ी के सभी दलों को मिली सीटों के डबल से भी ज्यादा उसे जीत मिली है। भाजपा के साथ ही एकनाथ शिंदे की शिवसेना को भी बड़ी सफलता मिली है और 54 सीटों पर वह आगे है। यही नहीं चाचा शरद पवार से बगावत करने वाले अजित पवार की एनसीपी भी 35 सीटों पर आगे है।
एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की भी लगी लॉटरी
एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 71 फीसदी सीटों पर बढ़त पाई तो वहीं अजित पवार की पार्टी को 61 फीसदी सीटों पर बढ़त हासिल है। माना जा रहा है कि एक तरफ भाजपा को ध्रुवीकरण का फायदा मिला है, जो योगी आदित्यनाथ के नारे बंटेंगे तो कटेंगे के चलते हुआ। इसके अलावा लड़की बहिन योजना के चलते भी उसे महिलाओं का बड़ा समर्थन हासिल हुआ है। देवेंद्र फडणवीस ने वोटिंग के बाद भी कहा था कि इस बार 4 पर्सेंट ज्यादा वोट पड़ा है और यह हमारे ही फायदे में रहेगा।