सरपंच की हत्या से बीड में बवाल, मनोज जरांगे की CM फडणवीस को चेतावनी- पछताना पड़ेगा
- आज महाराष्ट्र के बीड शहर में मसाजोग के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के विरोध में हजारों लोग एकत्र हुए और मार्च निकाला जरांगे-पाटिल भी बीड पहुंचे और मोर्चे में भाग लिया।
मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे-पाटिल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को कड़ी चेतावनी दी। जरांगे-पाटिल ने एक दिन पहले शुक्रवार को बीड में पत्रकारों से बातचीत में कहा, “मुख्यमंत्री साहब, आपको यह ध्यान रखना चाहिए…आपको सरपंच की हत्या में शामिल लोगों का समर्थन नहीं करना चाहिए, वरना आपको पछताना पड़ेगा।”
आज महाराष्ट्र के बीड शहर में मसाजोग के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के विरोध में हजारों लोग एकत्र हुए और मार्च निकाला जरांगे-पाटिल भी बीड पहुंचे और मोर्चे में भाग लिया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर मुख्यमंत्री असली आरोपियों को गिरफ्तार करने में विफल रहते हैं, तो हम राज्य भर में मोर्चा निकालेंगे।” मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे, कोल्हापुर राजपरिवार के छत्रपति संभाजी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश धास और अभिमन्यु पवार, राकांपा विधायक प्रकाश सोलंके और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र आव्हाड तथा संदीप क्षीरसागर ने विरोध मार्च में भाग लिया।
सरकार पर कार्रवाई का दबाव
जरांगे-पाटिल ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि राज्य सरकार जनता की आवाज सुनेगी और जागेगी। अगर सरकार नहीं जागी, तो हमें उसे जगाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक हमें इस मामले में न्याय नहीं मिल जाता। चाहे वह सत्ताधारी दल हो या विपक्ष, कोई भी इस मामले में राजनीति न करे।”
हत्या का घटनाक्रम
9 दिसंबर को संतोष देशमुख को दिनदहाड़े स्कॉर्पियो कार से अगवा किया गया था। उन्हें तीन घंटे तक कथित तौर पर पीटा गया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। उनका शव गांव के पास सड़क पर फेंक दिया गया था। इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य विधानमंडल में दावा किया कि वाल्मीक कराड हत्याकांड का ‘मास्टरमाइंड’ है। मृतक सरपंच की बेटी वैभवी देशमुख ने विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने पिता के लिए न्याय की मांग की। उन्होंने कहा कि दलित समुदाय के एक व्यक्ति को बचाने के लिए उन्होंने अपनी जान गंवा दी।
इस हत्या ने महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र को हिला कर रख दिया। विपक्षी विधायकों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यहां तक कि सत्ताधारी दल के नेताओं ने भी खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड पर उंगली उठाई।
मुख्यमंत्री पर तीखे आरोप
जरांगे-पाटिल ने फडणवीस और राज्य के उपमुख्यमंत्रियों को चेतावनी देते हुए कहा, “कुछ लोग गुंडागर्दी कर रहे हैं, कुछ बंदूकें लहरा रहे हैं, और पुलिस भी अहंकारी तरीके से व्यवहार कर रही है। मुख्यमंत्री को ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करना चाहिए…अगर उन्होंने ऐसा किया, तो उन्हें पछताना पड़ेगा। चाहे वह विधायक हो या मंत्री, जिसने भी हत्या की है, उसे जेल में डालें। घटना के 19 दिन बाद भी आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। क्या इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री उन्हें बचा रहे हैं?” आरक्षण कार्यकर्ता जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय तब तक चुप नहीं बैठेगा जब तक मराठा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मृतक को न्याय नहीं मिल जाता। शिवसेना (उबाठा) ने धनंजय मुंडे और उनकी चचेरी बहन (भाजपा मंत्री पंकजा मुंडे) के इस्तीफे की मांग की।