देवेंद्र फडणवीस के लिए नई टेंशन, अब मराठों संग आमरण अनशन करेंगे मनोज जरांगे
42 वर्षीय जरांगे ने कहा कि वह मंगलवार को अपनी भूख हड़ताल की तारीख का खुलासा करेंगे। उन्होंने मराठा समुदाय के सदस्यों को भी अपने इस अनिश्चितकालीन अनशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।
मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने एक बार फिर से आंदोलन करने का ऐलान किया है। इस बार उन्होंने सामूहिक आमरण अनशन पर बैठने का ऐलान किया है। मनोज जरांगे ने बताया कि वह मंगलवार (17 दिसंबर) की सुबह 11 बजे अंतरवाली सराती में सामूहिक आमरण अनशन पर बैठने की तारीख की घोषणा करेंगे। जरांगे ने सोमवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की योजना की घोषणा की।
मीडिया से बात करते हुए 42 वर्षीय जरांगे ने कहा कि वह मंगलवार को अपनी भूख हड़ताल की तारीख का खुलासा करेंगे। उन्होंने मराठा समुदाय के सदस्यों को भी अपने इस अनिश्चितकालीन अनशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। जरांगे ने कहा, "मराठा समुदाय का कोई भी व्यक्ति जो अनशन में शामिल होना चाहता है, उसका स्वागत है। किसी पर कोई दबाव नहीं है।" मराठा आंदोलनकारी कार्यकर्ता ने तर्क दिया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को नागपुर में आयोजित राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान मराठा आरक्षण के मुद्दे को हल करने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए और इस दिशा में अपनी मंशा दिखानी चाहिए।
जरांगे ने अपनी पुरानी मांग दोहराते हुए सरकार से सेज सोयारे (करीबी रिश्तेदार), हैदराबाद, बॉम्बे और सतारा गजेटियर द्वारा मराठा को कुनबी घोषित करने संबंधी मसौदा अधिसूचना को लागू करने की गुजारिश की है। जरांगे उस मसौदा अधिसूचना को लागू करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें कुनबियों को मराठों के 'सेज सोयारे' (जन्म या विवाह से संबंधित) के रूप में मान्यता दी गई है और उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिया गया है। बता दें कि कृषि प्रधान कुनबी समुदाय को पहले से ही ओबीसी श्रेणी के तहत कोटा का लाभ मिल रहा है।
इस साल फरवरी में राज्य विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया था, जिसमें एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई थी लेकिन जरांगे ओबीसी कैटगरी के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने छगन भुजबल को राज्य की नई मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने जवाब दिया कि मराठा आरक्षण के हत्यारे को कैबिनेट में क्यों शामिल नहीं किया गया, इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है।