Opinion:निर्लज्जता,गटर वाली भाषा…मंत्री जी थोड़ी भी शर्म हो तो खुद इस्तीफा दे दीजिए
Vijay Shah News:किसी राज्य या केंद्र के मंत्री से जनता यह उम्मीद करती है कि वह अपनी भाषा और ओजस्वी भाषणों से जोश भरेगा,किसी रैली में आएगा तो लोगों के हित की बात करेगा और सरकार की योजनाओं से रूबरू कराएगा। यहां उल्टा हो गया।

Vijay Shah News: हम सबने बचपन में पढ़ा है कि कमान से निकले तीर और मुंह से निकले शब्द कभी वापस नहीं आते। तभी तो कबीर ने सदियों पहले कहा था-ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए,औरन को शीतल करे,आपहुं शीतल होए। दोहे और कहावतों की याद दिलाने का मकसद आज सिर्फ एक शख्स है। नाम है कुंवर विजय शाह। जी हां,उनका पूरा नाम यही है। मौजूदा मध्य प्रदेश सरकार में विजय शाह जनजातीय कार्य,लोक परिसंपत्ति प्रबंधन व भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग मंत्री हैं। मोहन सरकार के पहले शिवराज सिंह चौहान के सीएम काल में भी मंत्री थे। विजय शाह मंत्री भले हैं,लेकिन कहां और क्या बोलना है,लगता है उन्होंने सीखा नहीं। नाम पढ़ते ही आप जान ही गए होंगे कि मंत्री महोदय ने अपनी जबान से क्या जहर फैला दिया है। कर्नल सोफिया कुरैशी को देश अपनी बेटी का दर्जा देता है,उसे मंत्री जी ने धर्म के तराजू में तो तोला ही,उसे पहलगाम हमले के आतंकियों की बहन बता बैठे। शब्द तो ऐसे कि लिखने में भी शर्म आ रही है। जब होश संभाला तब तक डैमेज हो चुका था। हद तो तब हो गई,जब माफी के बाद वह बेशर्म वाली हंसी मंत्री ने दिखा दी। मामला अब हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। बीजेपी भी डैमेज कंट्रोल में लग गई,लेकिन मंत्री जी को लगता है चवन्नी भर का अफसोस नहीं है। होता तो खुद इस्तीफा दे देते।
शब्दों का चयन निरा घटिया
किसी राज्य या केंद्र के मंत्री से जनता यह उम्मीद करती है कि वह अपनी भाषा और ओजस्वी भाषणों से जोश भरेगा,किसी रैली में आएगा तो लोगों के हित की बात करेगा और सरकार की योजनाओं से रूबरू कराएगा। यहां उल्टा हो गया। कुंवर विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सेना की वीरता की कहानी बताने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को निशाने पर ले लिया। लोग जहां सोफिया पर गर्व कर रहे हैं, विजय शाह ने सीधे पाकिस्तान की बहन बता दिया। मंच से दो दिन पहले दिए भाषण की बानगी देखिए...जिन लोगों ने हमारी बहन-बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे,हमने कटे-पिटे लोगों के पास उनकी ही बहन भेजकर उनकी ऐसी की तैसी कराई...हमारे लोगों को कपड़े उतार-उतार के मारा, मोदी जी ने उन्हीं की बहन को भारत से जहाज में उन्हीं की ऐसी तैसी करने भेजा। मंत्री जी आप बोलने से पहले 100 छोड़िए एक बार भी नहीं सोचा। माना आपका ट्रैक रिकॉर्ड शब्दों को लेकर पुराना खराब रहा है,पर आदमी गलतियों से सीखता है,उसे दोहराता नहीं है।
कहते हैं मंत्री अपने काम और जनता के लिए समर्पित,उनसे वादे पूरे किए जाने के लिए जाना जाता है,विजय शाह एक ऐसे मंत्री हैं जो सिर्फ बदजुबानी के लिए फेमस हैं। इसके लिए आप 2013 के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी पर दिया ओछा बयान सुन लीजिए,विद्या बालन के डिनर के लिए मना करने पर शूटिंग रुकवाना,राहुल गांधी पर गंदी टिप्पणी हो,विजय शाह सीखने के बजाय दोहराए जाने में विश्वास रखते हैं।
कोर्ट ने तो आपकी घोर बेइज्जती कर दी
सोफिया कुरैशी पर दिए इस आपत्तिजनक(हालांकि यह भी छोटा पड़ रहा है)बयान ने देशवासियों के साथ देश की अदालतों को भी झकझोर दिया। एमपी हाई कोर्ट ने तो तुरंत संज्ञान लेते हुए डीजीपी को 4 घंटे के अंदर FIR करने के निर्देश दिए। कोर्ट के आदेश को भी लागू होने में समय लग गया। देर रात 11 बजे के करीब उनपर केस दर्ज हुआ। क्या करें साहब, विजय शाह मंत्री भी न हैं,इतना जल्दी ऐक्शन होना कहां होता,खैर एफआईआर हुई और मामला आज सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया। उससे पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा कि अभी एफआईआर दर्ज करिए,तुरंत करिए... हो सकता है कल मैं जिंदा न रहूं... मैं आपको चार घंटे का समय दे रहा हूं। आज दोबारा सुनवाई में हाई कोर्ट ने कहा कि क्या यही एफआईआर है? क्या आपने इसे पढ़ा है? इसमें अपराध के सबूत कहां हैं? कोर्ट ने पाया कि एफआईआर में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे लगे कि कोई गंभीर अपराध हुआ है। कोर्ट ने कहा कि इसे इस तरह लिखा गया है कि इसे आसानी से रद्द किया जा सके। कोर्ट ने आगे कहा कि एफआईआर में कुछ भी ठोस नहीं है। विजय शाह के खिलाफ बीएनएस की धारा 152, 196(1)(b) और 197(1)(c) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी विजय शाह को लताड़ लगाई। हालांकि सीजेआई ने कल के लिए इसे लिस्ट कर दिया है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से जिम्मेदारी से काम करने की उम्मीद की जाती है। वो किस तरह का बयान दे रहे हैं? क्या एक मंत्री के लिए इस तरह के बयान देना सही है? विजय शाह के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मंत्री ने माफी मांग ली है। अपने बयान पर पश्चाताप भी किया है। उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। माफी भर से काम चल जाता तो देश आपको माफ भी कर देता। यह तो नाकाबिल-ए-बर्दाश्त है। इसका तो दंड लिखा है।
बीजेपी के लिए देश या मंत्री
विजय शाह के इस शर्मनाक बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी के अंदर से आवाज उठाने वाली सिर्फ उमा भारती दिखीं। उन्होंने आज एक्स पर एक के बाद एक पोस्ट कर मंत्री का इस्तीफा मांगा है। इसके अलावा सीएम मोहन यादव ने कठोर कार्रवाई की बात कही है। मजे की बात तो यह है कि विजय शाह का इस्तीफा तो दूर, उन्हें दो दिन बाद भी बर्खास्त नहीं किया गया,क्योंकि साहब मंत्री हैं और लगता है पार्टी के लिए भी यह मुश्किल हो रहा है। तभी तो रातभर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सीएम मोहन यादव के साथ विजय शाह की बैठकों का दौर चला पर नतीजा वही। इस बीच मंत्री जी ने माफी पर माफी मांगनी शुरू कर दी। पाकिस्तान की बहन बताने के बाद खुद की बहन और देश की शान बताने लगे पर अब देर हो गई है और देश आपके खिलाफ दंड चाहता है। बीजेपी के लिए भी विजय शाह पर कार्रवाई करना इतना मुश्किल क्यों हो रहा है? उन्हें ढोने की इस कवायद ने पार्टी की फजीहत करा दी है। जहां देश की उच्च और उच्चतम न्यायालय तक इसपर नाराज हैं, पार्टी होकर आप देशहित में एक फैसला क्यों नहीं ले पा रहे हैं?
खुद क्यों नहीं दे देते इस्तीफा?
किसी ने खूब कहा है कि इतने बेशर्म न बनो कि शर्म को शर्म आ जाए। डॉक्टर कुंवर विजय शाह का बयान कोई पहला नहीं है और अफसोस उन्हें होता नहीं है। ऊपर आपसे उनके पुराने बयान भी डिस्कस कर चुका हूं। तो मंत्री जी अगर आपको वाकई लगता है, जैसा आपने माफी भी मांग ली है, इस्तीफा क्यों नहीं दे देते। इस्तीफा दीजिए और उस वीर कर्नल सोफिया कुरैशी के पास जाकर माफी मांगिए...आपकी इस गलती की यही सजा है।