इंदौर में नकली नोट खपा रहे गिरोह का खुलासा, यूट्यूब पर सीखकर छाप दी लाखों की करंसी
- आरोपियों के फ्लैट से ‘ए-4’ आकार के कुछ पेपर्स पर छपे नकली नोट के साथ ही फेक करंसी तैयार किए जाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण जब्त किए गए हैं, जिनमें विशेष स्याही, प्रिंटर और लेमिनेशन मशीन शामिल हैं।
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मध्यप्रदेश पुलिस ने नकली नोट छापकर अलग-अलग राज्यों में खपाने वाले गिरोह के सरगना समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस बारे में जानकारी देते हुए इंदौर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) आदित्य पटले ने संवाददाताओं को बताया कि आरोपियों की पहचान मनप्रीत सिंह विर्क, मलकीत सिंह विर्क, महिपाल बेड़ा, अनुराग सिंह चौहान और मोहसिन खान के रूप में हुई है।
उन्होंने बताया, 'गिरोह का सरगना मनप्रीत सिंह विर्क महाराष्ट्र के नागपुर में रहता है। इस शहर में विर्क द्वारा किराए पर लिए गए एक फ्लैट में 200 और 500 रुपए के नकली नोट छापे जा रहे थे।' पटले ने बताया कि इस फ्लैट से ‘ए-4’ आकार के कुछ कागजों पर छपे नकली नोट के साथ ही जाली मुद्रा तैयार किए जाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण जब्त किए गए हैं, जिनमें विशेष स्याही, प्रिंटर और लेमिनेशन मशीन शामिल हैं।
शुरुआती जांच के हवाले से उन्होंने बताया कि पुलिस की गिरफ्त में आया गिरोह 20 लाख रुपए से ज्यादा के नकली नोट छापकर इन्हें इंदौर, मुंबई और अन्य शहरों में इस्तेमाल करने के लिए भेज चुका है। पटले के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों का दावा है कि उन्होंने टेलीग्राम और यूट्यूब जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो देखकर नकली नोट छापना सीखा है।
अधिकारी ने बताया कि गिरोह के एक सदस्य को जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि पुलिस इस गिरोह के खिलाफ विस्तृत जांच कर रही है।
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