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Mental Health: कहीं आपका बच्चा भी तो नहीं है डिप्रेशन का शिकार, हंसी के पीछे छिपा दर्द ऐसे करें पता

आजकल डिप्रेशन काफी कॉमन हो गया है। बड़े ही नहीं बच्चे भी इसके शिकार हो रहे हैं। डिप्रेशन के कुछ लक्षण बहुत ही कॉमन होते हैं जिन्हें देखकर काफी हद तक बच्चे की मेंटल कंडीशन का पता लगाया जा सकता है। आज इन्हीं के बारे में बात करेंगे।

Anmol Chauhan लाइव हिन्दुस्तानMon, 23 Sep 2024 06:08 PM
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आज के समय में हर चीज में कॉम्पिटिशन यानी चूहा-बिल्ली वाली दौड़ किस कदर लगी हुई है, इस बात से तो हर कोई वाकिफ है। यही कारण है कि आज के समय में डिप्रेशन और एंजाइटी जैसी मानसिक बीमारियां बहुत कॉमन हो गई हैं। चिंता की बात तो यह है कि छोटे बच्चे भी आज इससे अछूते नहीं हैं। आखिर काम उम्र में इनपर भी तो प्रतिस्पर्धा का बोझ डाल दिया गया है। जाने-अंजाने हमेशा फर्स्ट आने की दौड़, खेलना कूदना छोड़कर हमेशा पढ़ते रहने का दबाव, अच्छे कोर्स में एडमिशन का दबाव और ढेर सारा प्रेशर बच्चों के सर पर थोप दिया जाता है। ऐसे में हो सकता है कि वो भी ज्यादा तनाव लेकर डिप्रेशन जैसी स्थिति तक पहुंच जाएं। कई बार पेरेंट्स अपने बच्चों की इस मानसिक स्थिति को समझ नहीं पाते हैं, जिसकी वजह से बाद में उन्हें काफी प्रॉब्लम हो सकती है। बच्चों में डिप्रेशन होने पर, इसके लक्षण छोटे -छोटे साफ नजर आने लगते हैं। आज उन्हीं के बारे में बात करेंगे।

अकेले में रहना पसंद करने लगा है बच्चा

कुछ बच्चों का स्वभाव अकेले रहना का होता है लेकिन आपका बच्चा अगर अचानक से अकेले रहना पसंद करने लगे, तो आपको जरूर उससे बात करने की जरूरत है। अचानक उसे लोगों के बीच में बैठना अच्छा ना लगे, यहां तक की वो अपने पैरेंट्स से भी दूरी बनाने लगे, अधिकतर समय अकेले में शांत रहने लगे और हर समय उदास दिखाई दे; तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। हो सकता है कि आपका बच्चा किसी बात को लेकर तनाव में हो। ऐसे में उससे बात करें और समय पड़ने में सही डॉक्टर की सलाह भी लें।

बात-बात पर दिखाए चिड़चिड़ापन

बच्चों का चिड़चिड़ा होना या बात-बात पर गुस्सा हो जाना अक्सर नॉर्मल होता है लेकिन अगर ये अचानक से बहुत ज्यादा बढ़ जाए तब पैरेंट्स को ध्यान देने की जरूरत है। अगर आपका बच्चा छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करने लगे, बात-बात पर चिड़चिड़ाने लगे, छोटी-छोटी बात पर रोना शुरू कर दे या सामान फेंकना शुरू कर दे, तब भी आपको सतर्क हो जाने की जरूरत है क्योंकि ये बच्चे में डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में जब बच्चा जरूरत से ज्यादा गुस्सा करने लगे, तो उससे नाराज होने या उस पर गुस्सा करने के बजाय उसकी मन की स्थिति को समझने का प्रयास करें। प्यार से उसके मन के भाव को समझने की कोशिश करें।

अचानक से कम कर दे खाने की मात्रा

अगर अचानक से आपके बच्चे की डाइट कम होने लगे, तब भी आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। कभी-कभी भूख ना लगना या खाने में नखरे कर के काम खाना नॉर्मल बात है लेकिन अगर आपका बच्चा लंबे समय से लगातार खाना कम खा रहा है,तो आपको ध्यान देने की जरूरत है। बच्चे को खाना खाते समय ऑब्जर्व करें। इसके हाव-भाव से आपको काफी कुछ पता लग जाएगा। ऐसे में उसके साथ ज्यादा टाइम गुजारें उसे बाहर लेके जाएं और समझने का प्रयास करें की आखिर उसके अंदर चल क्या रहा है।

कम या ज्यादा नींद आना

नींद को लेकर बच्चे अक्सर नखरे करते ही हैं। कभी सोना नहीं चाहते तो कभी उठना पसंद नहीं करते। लेकिन अगर अचानक से आपके बच्चे का स्लीप रूटीन काफी ज्यादा बदला है तो आपको ध्यान देने की जरूरत है। बहुत कम सोना या बहुत ज्यादा सोना, दोनों ही डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं। अगर आपका बच्चा जरूरत से ज्यादा सो रहा है या उसे पूरे टाइम नींद आती रहती है। इसके ठीक उलट अगर आपके बच्चे को कम नींद आती है और पूरे दिन की थकान के बाद भी वो रात में ठीक से सो नहीं पाता है, तो इन दोनों ही सिचुएशन में आपको सावधान हो जाने की जरूरत है।

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