महिलाओं की ये 6 गलतियां बनती हैं उनके दर्दनाक पीरियड्स का कारण, कहीं आप भी तो नहीं कर रहीं!
- हमारे लाइफस्टाइल की कुछ ऐसी गलतियां हैं जिनका सीधा-सीधा असर पीरियड्स पर होता है। इनकी वजह से कई बार काफी पेनफुल और हेवी पीरियड्स का सामना भी करना पड़ सकता है।
पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है, जिससे हर महिला को हर महीने गुजरना पड़ता है। पीरियड्स के दौरान पेट, कमर में नॉर्मल सा दर्द या मूड स्विंग्स होना नेचुरल है, लेकिन कई बार ये दर्द इतना ज्यादा तेज हो जाता है कि इसे सह पाना मुश्किल हो जाता है। कभी-कभार तो इस दर्द से निपटने के लिए महिलाओं को पिल्स का सहारा भी लेना पड़ता है। यूं तो इस पेन के कई कारण हो सकते हैं लेकिन आपके लाइफस्टाइल यानी डेली रूटीन की कुछ ऐसी आदतें भी इनके पीछे जिम्मेदार हो सकती हैं। अगर आप भी पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द का सामना करती हैं तो एक बार जरूर देख लें कि कहीं इनमें से कोई आदत ही तो कहीं आपके पेनफुल पीरियड्स का कारण नहीं बन रही।
अनहेल्दी डाइट से बढ़ता है पीरियड पेन
शरीर में जब कुछ पोषक तत्व जैसे ओमेगा 3, मैग्नीशियम, विटामिन डी फैटी एसिड आदि की कमी होने लगती है तो इसकी वजह से भी पीरियड्स के दौरान तेज दर्द और पेट में ऐंठन होती है। जो फीमेल अनहेल्दी फूड का ज्यादा सेवन करती हैं और फल, सब्जियों और अन्य हेल्दी फूड्स के बजाय प्रोसेस्ड फूड अधिक खाती हैं, उन्हें हर महीने पेनफुल पीरियड्स से गुजरना पड़ सकता है।
कम पानी पीने की आदत
जो महिलाएं कम मात्रा में पानी पीती हैं, उन्हें भी पेनफुल पीरियड्स की शिकायत हो सकती है। दरअसल जब शरीर में पानी की कमी होती है तो उसकी वजह से ब्लोटिंग होने लगती है, इस वजह से भी पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द होता है। शरीर को हाइड्रेटेड बनाए रखने के लिए रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पीना चाहिए। खासतौर से पीरियड्स के दौरान तो आपको अपने शरीर को प्रॉपर हाइड्रेट रखना चाहिए। ये न सिर्फ दर्द से बचने के लिए जरूरी है बल्कि शरीर की ओवरऑल हेल्थ के लिए भी अच्छी हैबिट है।
स्लीप रूटीन भी है एक वजह
पर्याप्त मात्रा में और हेल्दी स्लीप ना लेने की वजह से पीरियड साइकिल को कंट्रोल करने वाले हार्मोन मेलाटोनिन और कोर्टिसोल, अनबैलेंस होने लगते हैं। जिसकी वजह से पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द हो सकता है। पर्याप्त मात्रा में नींद ना लेने से शरीर को अन्य बीमारियां भी घेरने लगती है। इसकी वजह से पीरियड्स के दौरान सूजन, दर्द और साथ- साथ अधिक मूड स्विंग्स भी देखने को मिलते हैं।
अधिक कैफ़ीन या शराब का सेवन
शराब या कैफीन दोनों से ही शरीर को डिहाइड्रेशन होता है। यूं तो इसका अधिक मात्रा में सेवन करना किसी के लिए भी सही नहीं है लेकिन खासतौर पर महिलाओं को अधिक मात्रा में शराब या कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए। पीरियड्स के दिनों में तो कैफीन शराब का सेवन अवॉइड ही करना चाहिए वरना ये भी पेनफुल पीरियड्स की एक बड़ी वजह बन सकता है।
अधिक स्ट्रेस भी है नुकसानदायक
महिलाओं के लिए बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेना भी उनके पीरियड्स पर इंपैक्ट डाल सकता है। दरअसल अधिक स्ट्रेस लेने से हारमोंस डिसबैलेंस होने लगते हैं, जिसका असर पीरियड्स की पंक्चुअलिटी पर भी पड़ता है। पीरियड्स डिसबैलेंस होने की वजह से दर्द, क्रैंप और मूड स्विंग्स का खतरा बढ़ जाता है। इन सभी प्रॉब्लम से बचने के लिए स्ट्रेस लेवल को कम करना जरूरी है। इसके लिए योग, मेडिटेशन का सहारा लिया जा सकता है।
फिटनेस पर ध्यान ना देना
शरीर का वजन तेजी से बढ़ना या घटना भी हार्मोनल डिसबैलेंस की वजह बन सकता है। जो महिलाएं अपनी फिटनेस पर ध्यान नहीं देती हैं, उन्हें भी इन सब समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। फिटनेस पर ध्यान ना देने की वजह से वजन तेजी से बढ़ या घट सकता है और इसका नेगेटिव इंपैक्ट पीरियड्स साइकिल पर पड़ता है। जिसकी वजह से पेनफुल पीरियड का सामना करना पड़ सकता है।
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