दूध या दही, दोनों में से क्या है ज्यादा हेल्दी ऑप्शन? बच्चों की डाइट में शामिल करने से पहले जरूर जान लें
दूध और दही यूं तो दोनों ही बच्चों की हेल्थ के लिए काफी बेनिफिशल हैं। लेकिन दोनों में से बच्चों के लिए क्या ज्यादा फायदेमंद है और क्या उनकी डाइट में शामिल जरूर करना चाहिए, आज इसपर बात करेंगे।
दूध हो या दही, दोनों ही हेल्थ के लिए बहुत ही बेनिफिशियल है। जहां दूध विटामिन बी2, बी12, फॉस्फोरस, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे मिनरल्स से भरपूर होता है, वहीं दही में प्रोटीन और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, साथ ही हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम भी पाया जाता है। इसलिए दूध हो या दही दोनों का सेवन करने से स्वास्थ्य को बेहद लाभ मिलता है। हालांकि एक समय में इनमें से सिर्फ एक को ही खा सकते हैं और कई बच्चे दूध या दही में से किसी एक को देखकर नाक और मुंह सिकोड़ने लगते हैं। ऐसे में अक्सर पैरेंट्स के मन में ये सवाल देखा गया है कि बच्चों के लिए दूध या दही में से कौन सी चीज ज्यादा हेल्दी है। चलिए जानते हैं कि बच्चों को दूध या दही में से क्या देना, ज्यादा हेल्दी ऑप्शन हो सकता है।
दूध या दही क्या है जरूरी?
नूट्रिशनिस्ट के मुताबिक जब बच्चा 6 महीने का हो जाए, उसके बाद उनकी डाइट में दही शामिल करना सही रहता है। दही बच्चों के लिए बहुत ही जरूरी भी है क्योंकि दही में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चों की हेल्थ के लिए जरूरी हैं। इसके साथ ही दही एक अच्छा प्रोबायोटिक फूड भी है, जिससे बच्चों का पेट भी दुरुस्त रहता है। हालांकि बच्चों को दही देते समय कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। जैसे कि बच्चों को कभी भी बिल्कुल ठंडी फ्रिज में रखी हुई दही खाने को नहीं देनी चाहिए। हमेशा रूम टेंपरेचर वाली दही ही देनी चाहिए। हालांकि दही को डाइट में शामिल करने का ये मतलब बिल्कुल नहीं है, कि बच्चों को दूध देना बिल्कुल ही बंद कर दें। उन्हें एक टाइम पर दूध भी जरूर दें।
दही खाने से मिलते हैं ये लाभ
दूध से तुलना की जाए तो दही एक प्रोबायोटिक फूड है जो पाचन के लिए ज्यादा सही होता है। जहां दूध का अधिक सेवन करने से डाइजेशन रिलेटेड इश्यूज हो सकते हैं वहीं दही डाइजेशन को दुरुस्त करने में हेल्प कर सकती है। इसके साथ ही ये छोटे बच्चों के पेट के इंफेक्शन को भी दूर करने में मदद करती है। दही इम्यूनिटी बूस्टर की तरह भी काम करती है। इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में हेल्प करता है। डॉक्टर्स की मानें तो जो बच्चे नियमित तौर पर दही का सेवन करते हैं, उन्हें मौसमी बीमारियों और सर्दी जुकाम का खतरा कम रहता है।
दही और दूध का चयन करते समय इन बातों का रखें ख्याल
बच्चों को दूध दें या दही इस बात का डिसीजन लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी हैं। अगर किसी बच्चे को लैक्टोज इन्टॉलरेंस है और उसकी पाचन क्रिया काफी संवेदनशील है, तो ऐसे में बच्चों को दूध की जगह दही ही देनी चाहिए। बच्चों की प्रोबायोटिक्स की नीड को पूरा करने के लिए भी उन्हें दही देना ही सही है। इसके अलावा जो बच्चे केवल दूध पीते हैं, उनके लिए अन्य डाइट को अडॉप्ट कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है और वो दूध तक ही सीमित रह जाते हैं। लेकिन दही देने से बच्चों की टेस्ट ग्लैंड्स खुलती हैं, जिससे बच्चे अन्य फूड आइटम को भी खाना शुरू कर देते हैं।
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