प्रेग्नेंसी में क्या वाटर ब्रेक होते ही चले जाना चाहिए हॉस्पिटल, बेटी को हो रही यूटीआई की समस्या से कैसे पाएं छुटकारा?
- हम सबकेपास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम केजरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार गाइनेकोलॉजिस्ट देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, डॉ. अर्चना धवन बजाज
प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में परिवार के सदस्यों को बच्चे के आने का इंतजार रहता है। वहीं होने वाली मां के मन में तरह-तरह के सवाल चलते रहते हैं। ऐसे में एक सवाल का जवाब एक्सपर्ट ने दिया है। इसी के साथ अगर किसी छोटी बच्ची को बार-बार यूटीआई की समस्या हो रही है तो जानिए इससे कैसे छुटकारा पाएं।
• मैं प्रेग्नेंट हूं और नवंबर के अंत में डॉक्टर ने ड्यू डेट बताया है। पर, मैं अभी से ही प्रसव को लेकर घबराई हुई हूं। क्या वॉटर ब्रेक होते ही हॉस्पिटल चले जाना चाहिए या फिर दर्द बढ़ने का इंतजार करना चाहिए। कृपया प्रसव पीड़ा और वॉटर ब्रेक होने के बारे में विस्तार से बताएं।
- आभा वर्मा, वाराणसी
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में आपकी गाइनेकोलॉजिस्ट आपको वाटर ब्रेक, प्रसव पीड़ा, बच्चे के मूवमेंट पर नजर रखने, प्रसव के अन्य लक्षणों और बच्चे के जन्म की प्रक्रिया के बारे में बताती हैं। पर, वॉटर ब्रेक होना यानी गर्भ में जिस तरल पदार्थ के बीच बच्चा पल रहा होता है, उस थैली का फटना प्रसव शुरू होने के शुरुआत का संकेत देता है। अगर वॉटर ब्रेक हो तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें और इसके बाद एक बार हॉस्पिटल जाकर डॉक्टर से दिखाना जरूरी है। कई बार गर्भावस्था के अंतिम दिनों में वजाइनल डिस्चार्ज बहुत ज्यादा मात्रा में होता है, जिसे कई लोग वॉटर ब्रेक समझते हैं। आपका वॉटर ब्रेक हुआ है या नहीं, यह तय करने के लिए एक बार डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। इस मामले में लापरवाही ना करें। वॉटर ब्रेक होने के बाद प्रसव पीड़ा शुरू होने का इंतजार नहीं करना चाहिए और पहले ही डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए। कई बार बहुत थोड़ी मात्रा में वॉटर डिस्चार्ज होता है और पूरी तरह से पानी की थैली नहीं फटती। पर, अगर वॉटर ब्रेक पूरी तरह से हो गया है, तो उसके कुछ घंटों के भीतर प्रसव करवा दिया जाता है। अगर गर्भावस्था के नौ माह पूरे होने से काफी पहले ही वॉटर ब्रेक हो गया है, तो यह पूरी तरह से डॉक्टर पर निर्भर करता है कि वह आगे प्रेग्नेंसी से संबंधित क्या निर्णय लेगा।
• मेरी बेटी की उम्र सात साल है। उसे पिछले कुछ वक्त से बार-बार यूटीआई हो रहा है। क्या इतने छोटे बच्चे में यूटीआई होना सामान्य है और इस परेशानी से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए क्या किया जाना चाहिए?
- जागृति कुमारी, पटना
यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन यानी यूटीआई ऐसे तो किसी भी उम्र में हो सकता है, पर यह अकसर ज्यादा उम्र या शारीरिक संबंध बनाने वाले आयु वर्ग के लोगों को होता है। पर, कम उम्र के बच्चों को यूटीआई गंदे पब्लिक ट्वॉयलेट के इस्तेमाल, निजी अंगों की साफ-सफाई के मामले में सतर्कता न बरतने और बहुत कम पानी पीने से होता है। अगर आपकी बिटिया को बार-बार यूटीआई हो रहा है, तो कुछ बातों पर आपको विशेष ध्यान देने की जरूरत है। निजी अंगों की साफ-सफाई का सही तरीका बच्चे को सिखाएं। साथ ही इस बात पर भी नजर रखें कि कोई व्यक्ति उसे गलत तरीके से छू तो नहीं रहा। पब्लिक ट्वॉयलेट का इस्तेमाल करते वक्त उसे सतर्कता बरतने का तरीका सिखाएं। सूती अंडरगार्मेंट्स ही बच्चे को पहनाएं। कई बार कम उम्र में होने वाली डायबिटीज के कारण भी बार-बार यूटीआई हो सकता है, तो इस दिशा में भी ध्यान देने की जरूरत है। बच्चा सात साल का है, तो बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। अमूमन यूटीआई एंटीबायोटिक्स से ठीक हो जाता है। पर, एंटीबायोटिक्स हमेशा डॉक्टरी सलाह से ही लेनी चाहिए।
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