वजन कम होने पर ठीक हो जाएगा PCOS? जानिए समस्या से जुड़े 3 मिथकों की सच्चाई
- 3 Myths Related To PCOS: पीसीओएस को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए हर साल सितंबर में पीसीओएस अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है। यहां जानिए इस समस्या से जुड़े कुछ मिथकों की सच्चाई-
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीसीओएस एक कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम है। ये महिलाओं में होने वाली एक गंभीर समस्या है। यह दिक्कत पीरियड्स देरी से आने और कुछ शारीरिक बदलावों के कारण बनती है। इस समस्या के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल सितंबर में पीसीओएस अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है। ऐसे में जानते हैं पीसीओएस से जुड़े कुछ ऐसे मिथकों की सच्चाई जिनपर अक्सर भरोसा किया जाता है।
पीसीओएस से जुड़े कुछ मिथकों की सच्चाई
मिथक: वजन कम करने से पीसीओएस से छुटकारा मिल जाएगा
जिन महिलाओं को पीसीओएस की समस्या होती है उनका वजन आसान बढ़ सकता है। जिसकी वजह से ये इस समस्या के लक्षणों को बदतर बना देता है। इस समस्या से बचने के लिए कोई इलाज नहीं है, लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव करके इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। पीसीओएस में वजन कम करने से बहुत फर्क पड़ सकता है। आप रोजाना व्यायाम करें और हेल्दी और बैलेंस डायट खाएं। ऐसा करने पर पीसीओएस की समस्या को नियंत्रित करने पर बहुत फर्क पड़ सकता है।
मिथक: पीसीओएस में पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं
पीसीओएस में पीरियड्स पर असर पड़ता है लेकिन ऐसा नहीं है कि पीरियड्स आना बंद हो जाएं।पीरियड्स ना आने की वजह लाइफस्टाइल से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। जैसे थायराइड या पोषण की कमी से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। या फिर कुछ महिलाओं में इस समस्या के चलते पीरियड फ्लो पूरी तरह से बंद हो सकता है।
मिथक: पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं प्रेगनेंट नहीं हो सकती
ये केवल एक मिथक है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं। इस स्थिति में महिलाओं को सामान्य महिलाओं की तुलना में ज्यादा और कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पीसीओएस होने पर भी महिलाएं मां बन सकती हैं, बस कंसीव करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
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