JPSC टॉपर समेत मां-भाई की मौत से हड़कंप; सड़ी-गली लाश मिलने से राज़ गहराया, अंधविश्वास के भी आसार
- तीनों का शव मनीष के केरल के कोच्चि स्थित सेंट्रल एक्साइज क्वार्टर स्थित आवास में पाया गया। जानिए किन एंगल से पुलिस जांच कर रही है।
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झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के पहले बैच की टॉपर शालिनी विजय, उनके आईआरएस भाई मनीष विजय अग्रवाल और उनकी मां शकुंतला विजय का शव गुरुवार को संदिग्ध परिस्थियों में केरल में मिला। तीनों का शव मनीष के केरल के कोच्चि स्थित सेंट्रल एक्साइज क्वार्टर स्थित आवास में पाया गया।
पारिवारिक विवाद, अंधविश्वास और इस पहलु पर हो रही जांच
शालिनी के भाई मनीष कोच्चि में ही सीजीएसटी में सहायक आयुक्त थे। वे 2011 बैच के आईआरएस थे, वहीं शकुंलता विजय भी बोकारो के एक कॉलेज में प्रोफेसर रही थीं। पूरा परिवार रांची का ही है। कोच्चि पुलिस फिलहाल पारिवारिक विवाद, अंधविश्वास और आईआरएस मनीष विजय के विभागीय पहलू जैसे एंगल से पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
सड़े-गले शव और फूलों की माला
बताया गया है कि तीन शव सड़ी-गली अवस्था में मिले थे। शकुंतला के शव पर फूल माला रखी हुई थी। बगल में परिवारिक सदस्यों की तस्वीरें भी रखी हुई थीं। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि उनकी मौत पहले हुई। इसके बाद मनीष व शालिनी की मौत हुई। पूरे मामले में कोच्ची की थरीकाक्कर्रा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। स्थानीय पुलिस जांच कर रही है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, पूरा परिवार काफी धार्मिक प्रवृति का था।
लंबे समय से लोगों से कटी थीं शालिनी
शालिनी विजय आखिरी बार गढ़वा में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी के पद पर तैनात थीं। कार्मिक विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक शालिनी की साल 2020 के बाद से कोई जानकारी नहीं है। चार साल पहले वह छुट्टी लेकर केरल चली गईं थी। तब से उनका कोई संपर्क यहाँ से नहीं था। झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ ने शालिनी सहित उनके परिवार के लोगों की मौत पर दुख जताया है। संघ के महासचिव राहुल कुमार ने कहा है कि जैसे ही यह जानकारी आयी, संघ के सभी लोग सहित सचिवालय कर्मी स्तब्ध रह गए।
कई सालों से अवकाश पर थीं शालिनी
जानकारी के मुताबिक शालिनी बीते पांच सालों से अवकाश पर थीं। वह रांची में कार्यपालक दंडाधिकारी के पद पर लंबे समय तक रही थीं। पूरा परिवार रांची के रेडियम रोड स्थित राजर्षी अपार्टमेंट का रहने वाला था।