रांची में 4 आस्ट्रेलियाई पक्षी और 1 मगरमच्छ की मौत; इससे पहले मरी थीं 150 मुर्गियां; जानिए वजह
- रांची के ओरमांझी स्थित बिरसा जैविक उद्यान में चार दिनों के अंदर चार ऑस्ट्रेलियन पक्षी एमू और एक मगरमच्छ की मौत हो गई है। जू कर्मियों के अनुसार चारों एमू की मौत बीमार पड़ने के 10 मिनट के अंदर ही हो गई। जानिए वजह।
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रांची के ओरमांझी स्थित बिरसा जैविक उद्यान में चार दिनों के अंदर चार ऑस्ट्रेलियन पक्षी एमू और एक मगरमच्छ की मौत हो गई है। जू कर्मियों के अनुसार चारों एमू की मौत बीमार पड़ने के 10 मिनट के अंदर ही हो गई। कर्मियों ने आशंका जताई है कि सभी की मौत बर्ड फ्लू से हुई है। हालांकि, अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इससे पहले करीब 150 मुर्गियां और लगभग दर्जन भर बटेर की मौत बर्ड फ्लू से हुई थी।
बर्ड फ्लू के कारण मौत पर क्या बोले विशेषज्ञ
बिरसा जैविक उद्यान के निदेशक जब्बार सिंह ने बर्ड फ्लू के कारण मौत से इनकार किया है। वहीं, शुक्रवार को जू के पशु चिकित्सक डॉ ओमप्रकाश ने भी बताया कि पहली नजर में मौत बैक्टीरियल इंफेक्शन से हुई है न कि बर्ड फ्लू से। उन्होंने बताया कि सभी का पोस्टमार्टम किया गया है। बर्ड फ्लू जैसे लक्षण नहीं मिले हैं। सैंपल भी जांच के लिए भी नहीं भेजे गए हैं।
बढ़ाई गई सावधानियां और सुरक्षा
इधर, जू में सभी तरह की सावधानियां बरती जा रहीं हैं। इन पक्षियों के बाड़े के आसपास घेराबंदी कर दी गई है। तीन-तीन बार स्प्रे किया जा रहा है। चूने का छिड़काव भी किया गया है। अन्य पक्षियों को मल्टी विटामिन दिये जा रहे हैं। यहां बता दें कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में कांके स्थित बीएयू के फार्म में भी कई मुर्गियों की मौत बर्ड फ्लू से हो गई थी।
मुक्ता प्रजनन केंद्र से लाए मगरमच्छ की भी मौत
बिरसा जू में कुछ दिनों पहले ही मुक्ता प्रजनन केंद्र, ओरमांझी से मगरमच्छ लाया गया था। उसकी भी मौत रविवार को हो गई थी। डॉ ओमप्रकाश के अनुसार, उम्रदराज होने के कारण मगरमच्छ की मौत हुई है। उसकी उम्र तकरीबन 45 वर्ष थी। पोस्टमार्टम के बाद जू परिसर में ही उसको जला दिया गया।
बीएयू में हुई थी बर्ड फ्लू की पुष्टि
रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वेटनरी कॉलेज के पॉल्ट्री फॉर्म में फरवरी के दूसरे सप्ताह में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। करीब 150 मुर्गियां और लगभग दर्जन भर बटेर की मौत बर्ड फ्लू से हुई थी। वेटनरी कॉलेज पैथोलॉजी विभाग ने मुर्गियों के बीमार रहने और तत्काल मौत होने के बाद सैंपल भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआइएचएसएडी) भेजा था। सैंपल टेस्ट में एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन1) यानी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। उसके बाद झारखंड की मुख्य सचिव को पत्र भेजकर रांची में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी दी और तत्काल एहतियात बरतने का निर्देश दिया था।
पक्षियों की मौत हुई है, लेकिन फिलहाल स्थिति चिंताजनक नहीं है। पोस्टमार्टम रूटीन प्रक्रिया है। सैंपल जांच की आवश्यकता महसूस नहीं की जा रही है। मौत की वजह अब तक बैक्टीरियल इंफेक्शन के रूप में सामने आयी है। अन्य पक्षियों को दवा देने के बाद स्थिति में काफी सुधार है। सभी पर नजर रखी जा रही है। अगर पक्षियों में परेशानी बढ़ती है तो आगे जरूरी उपचार किया जाएगा।