रिम्स में 5 साल पहले कैसे हुई थी 28 मरीजों की मौत, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने सरकार से यह बताने को कहा है कि हड़ताल के दौरान 28 मरीजों की मौत के बाद क्या कार्रवाई की गई है। परिजनों को मुआवजा मिला या नहीं।
रिम्स में करीब 5 साल पहले हुई हड़ताल में 28 मरीजों की मौत पर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने सरकार से यह बताने को कहा है कि हड़ताल के दौरान 28 मरीजों की मौत के बाद क्या कार्रवाई की गई है। मृत मरीजों के परिजनों को मुआवजा दिया गया है या नहीं। हड़ताल करने वाले डॉक्टर और नर्सों पर क्या कार्रवाई की गई। सरकार को 16 मार्च तक विस्तृत जानकारी देने का निर्देश अदालत ने दिया है।
अस्पतालों में इलाज जरूरी सेवा के दायरे में है
अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि रिम्स जैसे अस्पताल में मरीजों का उपचार जरूरी सेवा के दायरे में है। ऐसे में चिकित्सकों और नर्सों की हड़ताल नहीं होनी चाहिए थी। इस संबंध में झारखंड छात्र संघ ने याचिका दायर की है। प्रार्थी की ओर से पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता मोख्तार खान ने अदालत को बताया कि एक जून 2018 को इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो गई थी। मरीज के परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए विरोध किया था। इसके बाद जूनियर डॉक्टर और मृतक के परिजनों के बीच झड़प हो गई थी। दो जून से जूनियर डॉक्टरों और नर्सों ने हड़ताल कर दी थी। हड़ताल के दौरान रिम्स की चिकित्सा व्यवस्था ठप हो गई थी। इस दौरान करीब 35 मरीजों के ऑपरेशन टल गए थे।
बिना इलाज लौटाए गए थे करीब 600 मरीज
600 से अधिक मरीज अस्पताल से बिना इलाज कराए लौट गए थे। हड़ताल के दौरान 28 मरीजों की मौत हो गई थी। इस मामले में कोतवाली थाना में जिम्मेदार जूनियर डॉक्टरों एवं नर्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन जूनियर डॉक्टर एवं नर्स को नोटिस दिए जाने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रार्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर एक कमेटी बनाकर हड़ताल के दौरान 28 लोगों की मौत मामले में जांच कर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने का आग्रह कोर्ट से किया है।
हाईकोर्ट ने पूछे हैं ये 4 जरूरी सवाल
● मृत मरीजों के परिजनों को मुआवजा दिया गया है या नहीं
● परिजनों के पुनर्वास की व्यवस्था की गई है या नहीं
● हड़ताल करने वाले डॉक्टर और नर्सों पर क्या कार्रवाई की गई
● सरकार को 16 मार्च तक विस्तृत जानकारी देने का निर्देश