ओल की खेती कर महिला बन रही है आत्मनिर्भर
ओल्हान बेड़ाईरगी गांव में महिलाएं ओल की खेती कर रही हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है। तकनीकी प्रबंधक ओबैदुल्लाह एहरार ने ओल की खेती के बारे में जानकारी दी है। ओल एक भूमिगत कंद सब्जी है, जो खाने...

बानो, अमित साहू। प्रखंड के ओल्हान बेड़ाईरगी गांव में वृहद पैमाने पर ओल की खेती की जा रही है। जिससे महिलाएं घर के काम काज के अलावा बेहतर अमदनी कमा रही है। आत्मा के सहायक तकनीकी प्रबंधक ओबैदुल्लाह एहरार के द्वारा ओल लगाने के तरीके, दवा, छिड़काव, बेहतर देखरेख सहित अन्य जानकारियां दी जा रही है। गांव निवासी सनिका केरकेटटा ओल की खेती कर आत्म निर्भरता की मिसाल पेश कर रही है। बताया गया कि ओल भूमिगत सब्जी है, यह एक प्रकार का कंद मूल सब्जी है। जिसका उपयोग खाने और दवा के रुप में किया जाता है। सनिका केरकेटटा ने अपने एक एकड़ जमीन में ओल की खेती की है।
तकनीकी प्रबंधक ने बताया कि ओल की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है। उन्होंने बताया कि ओल की सब्जी खाने में स्वादिष्ट होती है। उन्होंने बताया कि ओल की फसल आठ से नौ माह में तैयार हो जाती है। ओल की खेती से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ओल की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु उपयुक्त है। उन्होंने बताया कि अच्छी पैदावार के लिए उन्नत प्रभेद का उपयोग करना चाहिए। बताया गया कि वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके ओल की खेती को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
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