गर्भ में नवजात की मौत पर पंसस ने लगाया एएनएम पर लापरवाही बरतने का आरोप
चंदवा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रसव कक्ष में एएनएम पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है। पंसस अयुब खान ने शिकायत की है कि गर्भ में शिशु की मौत की जानकारी एएनएम को नहीं थी। तबस्सूम बानो नाम की...

चंदवा, प्रतिनिधि। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रसव कक्ष में कार्यरत एएनएम पर कामता पंसस अयुब खान ने कार्य में लापरवाही बरतने के का आरोप लगाया है। उन्होंने गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषी एएनएम के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि गर्भ में शिशु की कब मौत हुई ये एएनएम को पता तक नहीं चला या फिर एएनएम ने मामले को छिपाया हैं। मामले को लेकर पंसस अयुब खान ने उपायुक्त से शिकायत कर प्रसव कक्ष के दोषी एएनएम पर की कार्रवाई की मांग किया है। उपायुक्त को दिए शिकायत पत्र में कहा है कि 10 मई शनिवार समय करीब समय 09-11 पूर्वाह्न में ग्राम कामता निवासी तबस्सूम बानो प्रसव के लिए चंदवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रसव कक्ष गई थी।
जहां तबस्सुम बानो को भर्ती कर लिया गया था। मर्ती के समय उन्हें प्रसव पीड़ा उठी। 11 मई रविवार की सुबह प्रसव कक्ष के एएनएम ने सब कुछ ठीक होने की बात बताई व बोली कि सब कुछ ठीक है। नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगा, धीरे-धीरे दर्द भी बढ़ेगा, पहला शिशु है लेट लतीफ होता है, घबराने की जरूरत नहीं है। दोपहर में एएनएम ने जांच कर बताया कि प्रोसेस आगे बढ़ रहा है, 09 बजे रात्रि तक नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी। रात्रि 10 बजे के करीब सलाइन चढ़ाया गया। बताया गया कि अहले सुबह तक नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी। इसी बीच 12 मई की रात्रि करीब दो बजे पूर्वाह्न में प्रसव पीड़ा से जुझ रही तबस्सूम बानो जब बाथरूम गई, तो बीलिडिंग होने लगी तुरंत चेकअप कर एएनएम ने बताया कि बच्चा गर्भ में शौच कर दिया है, इसे रेफर कर दे रहे हैं, बाहर ले जाना होगा। गर्भ में शिशु की शौच करने की बात सुनकर परिजन घबरा गए, परिजनों ने तुरंत सीएचसी से निजी नर्सिंग होम चंदवा लेकर गए। यहां चेकअप के दौरान पता चला कि बच्चे की मौत गर्भ में ही हो चुकी है। जिसके बाद तबस्सुम बानों का ऑपरेशन कर उसके गर्भ से मृत नवजात बच्चे को निकाला गया। तबस्सूम बानो अभी भी नर्सिंग होम में इलाजरत हैं। उक्त मामले में पूछे जाने पर सीएचसी की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नीलिमा कुमारी ने बताया कि लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है। प्रसुता अस्पताल आई थी, जहां डॉक्टरों एवं कुशल एएनएम की टीम की देख रख में उसका उपचार चल रहा था। अत्यधिक वाटर डिस्चार्ज होने एवं पानी के साथ हरा पदार्थ आने के बाद शिशु के मल खाने का संदेह हुआ था, जिसके बाद प्रसूता को रिम्स रेफर किया गया था। शिशु के मौत होने व प्रसूता का जीवन खतरे में डालने का आरोप निराधार है।
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