करोड़ों की लागत से बने भवन को नहीं मिला चंदवारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा
(फोटो: 1 में बंटी मोदी, फोटो: 2 में लक्ष्मण यादव, फोटो: 3 में द्वारिका राणा, फोटो: 4 में अज्जू सिंह, फोटो: 5 में चंद्रभूषण साव, फोटो: 6 में रमेश प्रसा

चंदवारा, निज प्रतिनिधि । प्रखंड मुख्यालय में करोड़ों की लागत से 30 बेड के बने भवन को कई वर्ष बीत जाने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा नहीं मिल पाया है। इससे क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हालांकि कुछ माह पूर्व राज्य स्तरीय टीम ने उक्त भवन का निरीक्षण किया था। फिलहाल चंदवारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर हो जाने से पीएचसी को उक्त नए बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया है, जो छह बेड का संचालित है। यहां मरीजों को सर्दी, खांसी, बुखार जैसी दवाइयों को छोड़ दें,तो किसी तरह की सुविधा नहीं मिल पाती। कई जांच बाहर से करवाना पड़ता है। नॉर्मल डिलीवरी के लिए एएनएम मौजूद है,पर क्रिटिकल स्थिति में कोडरमा सदर जो चंदवारा से करीब 13 से 14 किमी दूर है, जाना पड़ता है। फिलहाल चंदवारा पीएचसी में तीन डॉक्टर के अलावा एक डेपुटेशन में पदस्थापित हैं। ओपीडी सुबह 10 से अपराह्न तीन बजे तक हीं चलता है। इसके बाद किसी तरह का केस आने पर उन्हें सदर अस्पताल ही जाना पडता है। एंबुलेंस के नाम पर मात्र 108 की सुविधा है, जो बहुत कम ही उपलब्ध हो पाती है। बता दें कि रांची-पटना मुख्य मार्ग पर अवस्थित होने के बावजूद सड़क दुर्घटनाएं जैसी स्थिति में लोगों को सदर अस्पताल हीं जाना पड़ता है। यदि उक्त भवन को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा मिल जाए तो 24 घंटे डॉक्टर की सुविधाएं मिल सकती है। इसके अलावा 30 बेड होने के कारण लोगों को अतिरिक्त सुविधा के साथ हीं कई तरह की जांच की सुविधा जो अभी बाहर से करवाना पड़ता है, एक हीं छत हीं मिल सकती है।
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