MGM Hospital Buildings Declared Dilapidated Urgent Repairs Needed After Fatal Accident चार मौतों के बाद भी जर्जर भवन में चल रहे गायनी, सर्जरी समेत कई विभाग, Jamshedpur Hindi News - Hindustan
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चार मौतों के बाद भी जर्जर भवन में चल रहे गायनी, सर्जरी समेत कई विभाग

एमजीएम अस्पताल साकची परिसर के नौ भवनों को जर्जर घोषित किया गया है। इनमें से कुछ भवनों में मरीज अभी भी भर्ती हैं। हाल ही में हुई एक दुर्घटना में चार लोगों की मौत के बाद उपायुक्त ने स्थायित्व प्रमाणपत्र...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरFri, 16 May 2025 06:01 PM
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चार मौतों के बाद भी जर्जर भवन में चल रहे गायनी, सर्जरी समेत कई विभाग

एमजीएम अस्पताल साकची परिसर के नौ भवनों को जर्जर घोषित कर दिया गया है। इनमें ब्लॉक बी, मेडिकल व मेडिसिन ब्लॉक, स्किन ओपीडी ब्लॉक, ब्लड बैंक, डॉक्टर्स बिल्डिंग, मॉर्चरी बिल्डिंग, सेन्ट्रल इमरजेंसी ब्लॉक, ओल्ड इंसीनिरेटर और ट्रांसफार्मर रूम शामिल है। भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता लालजीत राम ने सघन जांच पड़ताल के बाद इस आशय का प्रमाणपत्र जारी किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये सभी भवन काफी जर्जर अवस्था में हैं। इन सभी भवनों में कभी भी किसी भी पल बड़ी दुर्घटना घट सकती है। इन भवनों में बहुत सारे पिलर और बीम में दरार आ गई है जो दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।

इसलिए इन सभी भवनों को कंडम घोषित किया जाता है। कार्यपालक अभियंता ने अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी है। उन्होंने उपायुक्त के आदेश पर ही यह रिपोर्ट तैयार की है। दरअसल विगत मंगलवार को उपायुक्त ने कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखकर 24 घंटे में एमजीएम अस्पताल साकची परिसर स्थित सभी भवनों का स्थायित्व प्रमाणपत्र मांगा था। उन्होंने यह प्रमाणपत्र विगत 3 मई को मेडिसिन बिल्डिंग का बरामदा ढह जाने से हुई चार लोगों की मौत के मद्देनजर मांगा था। इसमें ब्लॉक वार प्रमाणपत्र दिए जाने को कहा गया था, ताकि यह पता चल सके कि कौन-कौन से भवन असुरक्षित हैं। अभी भी जर्जर भवनों में चल रहा इलाज भवन निर्माण विभाग ने भले इन बिल्डिंगों को जर्जर घोषित कर दिया है, परंतु इन जर्जर भवनों अभी भी मरीज भर्ती हैं, और इलाज चल रहा है। जिस मेडिकल बिल्डिंग में दुर्घटना हुई वहां 130 मरीज अभी भी भर्ती हैं। ब्लड बैंक चल रहा है और वहां स्टाफ रहते हैं। सेन्ट्रल इमरजेंसी में तो 50 से अधिक मरीज हमेशा भर्ती रहते हैं। स्किन ओपीडी के ऊपर भी मरीज भर्ती रहते हैं। अन्य छह भवनों को मरम्मत के बाद इस्तेमाल लायक बताया गया है। जाहिर है, फिलहाल वहां भी खतरा है। मरीजों की भीड़ के कारण नहीं किया जा रहा बंद इस परिसर में कुल 15 भवन हैं, जिनमें से छह को मरम्मत के बाद उपयोग में लाया जा सकता है। इनमें से तीन में सामान्य जबकि तीन में वृहद मरम्मत की आवश्यकता बताई गई है। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में गरीब मरीजों की रोज उमड़ने वाली भारी भीड़ के कारण इसे बंद कर मरम्मत कराने या फिर गिराने के बारे में अस्पताल प्रबंधन गंभीर नहीं हुआ। परिणामस्वरूप विगत दिन दुखद दुर्घटना हुई, जिसमें तीन लोग मलबे में दबकर मारे गये जबकि दो जख्मी हो गये थे। उनमें से एक बुजुर्ग महिला की बाद में टीएमएच में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। गायनी व सर्जरी में तत्काल मरम्मत की जरूरत ब्लॉक ई-गायनी बिल्डिंग, ब्लॉक ए-सर्जरी बिल्डिंग और पुरुष व महिला शौचालय दैनिक कार्य या उपयोग के दृष्टिकोण से सुरक्षित नहीं है। हालांकि इसकी तत्काल मरम्मत कराई जाए तो उपयोग में लाया जा सकता है। पीजी बिल्डिंग व इमरजेंसी ओपीडी को चाहिए वृहद मरम्मत तीन भवनों पीजी बिल्डिंग-ब्लॉक जी, इमरजेंसी ओपीडी और ब्लॉक सी वैसे तो सुरक्षित है। परंतु इसे वृहद मरम्मत की जरूरत है। इसके बाद इन तीन भवनों को भी उपयोग में लाया जा सकता है।

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