Former Jharkhand CM Madhu Koda Discusses Employment and CSR Implementation in Goa Mining Meeting गुवा खदान में स्थानीय युवाओं के हितों की पैरवी करते नजर आए मधु कोड़ा, रोजगार और पारदर्शिता को लेकर की अहम बैठक, Chaibasa Hindi News - Hindustan
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गुवा खदान में स्थानीय युवाओं के हितों की पैरवी करते नजर आए मधु कोड़ा, रोजगार और पारदर्शिता को लेकर की अहम बैठक

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने गुवा में खदान कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने रोजगार, ठेका मजदूरों की स्थिति और सीएसआर योजनाओं पर चर्चा की। कोड़ा ने समान कार्य के लिए समान...

Newswrap हिन्दुस्तान, चाईबासाTue, 13 May 2025 01:10 PM
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गुवा खदान में स्थानीय युवाओं के हितों की पैरवी करते नजर आए मधु कोड़ा, रोजगार और पारदर्शिता को लेकर की अहम बैठक

गुवा।झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने गुवा स्थित सेल (SAIL) खदान कार्यालय में मुख्य महाप्रबंधक कमल भास्कर और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर रोजगार, ठेका मजदूरों की स्थिति और सीएसआर योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा की।बैठक के दौरान मधु कोड़ा ने बीते वर्ष हुई त्रिपक्षीय वार्ता की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय जिन बिंदुओं पर सहमति बनी थी, उनका अब तक सही क्रियान्वयन नहीं हुआ है। उन्होंने इस पर चिंता जताते हुए इसे स्थानीय युवाओं की उम्मीदों के साथ किया गया अन्याय बताया।कोड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी जुलाई माह से “समान कार्य के लिए समान वेतन” की नीति लागू की जाएगी, जिसमें श्रमिकों को उनके कौशल के अनुसार पारिश्रमिक मिलेगा।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व सहमति के अनुसार 500 स्थानीय मजदूरों को रोजगार देने का वादा किया गया था, परंतु अब तक केवल 18 लोगों को ही काम मिला है।बैठक में यह मुद्दा भी उठा कि कुछ ठेकेदार मजदूरों से अवैध रूप से पैसे वसूल रहे हैं। इस पर कोड़ा ने सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सीजीएम कमल भास्कर ने आश्वासन दिया कि जिनके खिलाफ आरोप प्रमाणित होंगे, उनके लाइसेंस रद्द किए जाएंगे और जरूरत पड़ी तो प्रशासनिक सहायता भी ली जाएगी।कोड़ा ने स्थानीय मजदूरों को प्राथमिकता देने, सीएसआर योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के आवास संबंधी मामलों पर भी ध्यान देने की बात कही। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो स्थानीय लोगों की नाराजगी बढ़ सकती है।पूर्व मुख्यमंत्री की इस पहल को स्थानीय हितों की दिशा में सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है। बैठक के दौरान शांतिपूर्ण संवाद और समाधान की दिशा में सहमति बनी, जिससे आने वाले समय में गुवा खदान क्षेत्र में सुधार की उम्मीद जगी है।

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