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बांग्लादेशी घुसपैठियों से बदली संताल की डेमोग्राफी, NRC लागू करना जरूरी; केंद्र ने HC में क्या-क्या कहा

बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर केंद्र सरकार ने झारखंड हाईकोर्ट में शपथपत्र दायर किया है। शपथपत्र में जानकारी दी गई है कि संताल इलाके में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठ हुई है। इससे संताल की डेमोग्राफी बदल गई है। यहां आदिवासियों की संख्या भी घटी है।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, रांचीFri, 13 Sep 2024 03:09 AM
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केंद्र सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठ और आदिवासियों के धर्मांतरण से जुड़े मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट में शपथपत्र दाखिल किया। शपथपत्र में जानकारी दी गई है कि संताल इलाके में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठ हुई है। इससे संताल की डेमोग्राफी बदल गई है। पिछले कुछ दशक से यहां आदिवासियों की संख्या भी घटी है। झारखंड में सिर्फ घुसपैठ ही नहीं धर्मांतरण और पलायन भी हो रहा है। हालांकि तकनीकी कारणों से इस मामले में गुरुवार को सुनवाई नहीं हो सकी। एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस एके राय की अदालत ने 17 सितंबर को सुनवाई की तिथि निर्धारित की।

एनआरसी लागू करना जरूरी

शपथपत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार के पास घुसपैठियों की पहचान और वापस भेजने की क्षमता है, लेकिन इसके लिए एनआरसी लागू करना जरूरी है। कोर्ट को यह भी बताया गया कि पिछले कुछ दशक में संताल में आदिवासियों की संख्या तेजी से घटी है। कभी यहां आदिवासियों की आबादी 44 फीसदी थी, जो घटकर 28 प्रतिशत हो गयी है। इसमें सिर्फ घुसपैठ ही नहीं धर्मांतरण और पलायन भी शामिल है। शपथपत्र में कहा है कि राज्य सरकार ही संताल में संताल परगना टेंनेंसी एक्ट (एसपीटी) का उल्लंघन कर रही है।

बड़ी संख्या में गिफ्ट डीड के तहत जमीन का हस्तांतरण

केंद्र ने शपथपत्र में यह भी कहा है कि संताल इलाके में बड़ी संख्या में गिफ्ट डीड के तहत जमीन का हस्तांतरण हुआ है। इससे प्रतीत होता है कि राज्य सरकार की सहमति के बिना ऐसा नहीं हो सकता। संथाल इलाके में पिछले कुछ वर्षों में मदरसों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। मदरसों में सबसे ज्यादा इजाफा सीमावर्ती साहिबगंज और पाकुड़ जिले में हुआ है। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपने शपथपत्र में कहा है कि आधार कभी भी नागरिकता का आधार नहीं हो सकता। यह महज यूनिक आइडेंटिफिकेशन के रूप में लोगों को चिन्हित करने जैसा है। बता दें कि प्रार्थी दानियल दानिश ने संताल इलाके में बांग्लेदशी घुसपैठियों को लेकर याचिका दाखिल की है।

शपथपत्र की मुख्य बातें

● केंद्र के पास घुसपैठियों को वापस भेजने की क्षमता, पर एनआरसी लागू करना जरूरी

● संताल परगना में आदिवासियों की आबादी 44 फीसदी से घटकर 28 फीसदी रह गई है

● धर्मांतरण और पलायन से भी घटी आबादी, राज्य सरकार ही एसपीटी एक्ट का कर रही उल्लंघन

● गिफ्ट डीड की जमीन का हुआ हस्तांतरण, साहिबगंज-पाकुड़ में मदरसों की संख्या बढ़ी

कई एजेंसियों को कोर्ट ने बनाया है प्रतिवादी

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने भारत सरकार के इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक, बीएसएफ के महानिदेशक, मुख्य निर्वाचन आयुक्त, डायरेक्टर जनरल यूआईएआई के महानिदेशक और एनआईए के महानिदेशक को प्रतिवादी बनाया था और उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि सभी एजेंसियां एक साथ विस्तृत शपथपत्र दाखिल करेंगी।

राज्य सरकार बोली, एक भी घुसपैठ का मामला नहीं

इस मामले में पूर्व में राज्य सरकार और संताल के सभी जिलों के उपायुक्तों ने शपथपत्र दाखिल कर अदालत को बताया है कि किसी भी जिले में बांग्लादेशी घुसपैठिए नहीं है। प्रार्थी का दावा गलत है।

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