Hindi Newsजम्मू और कश्मीर न्यूज़blow to Ghulam Nabi Azad party as four candidates pull out from Jammu Kashmir Elections

चुनाव के बीच गुलाम नबी आजाद की पार्टी को बड़ा झटका, चार उम्मीदवार पीछे हटे; अब किसे होगा फायदा?

  • डीपीएपी के सभी चार उम्मीदवार जिन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया है, वे जम्मू संभाग के चिनाब क्षेत्र से हैं, जिसमें किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिले शामिल हैं।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, श्रीनगरSat, 31 Aug 2024 10:41 PM
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जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी)को बड़ा झटका लगा है। गुलाम नबी आजाद की पार्टी के चार उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए हैं। इसकी वजह खुद गुलाम नबी आजाद बताए जा रहे हैं। दरअसल बुधवार को, गुलाम नबी आजाद ने स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए चुनाव प्रचार से खुद को अलग कर लिया था। उन्होंने अपने पार्टी उम्मीदवारों से कहा था कि वे स्वतंत्र रूप से निर्णय लें कि वे उनकी अनुपस्थिति में चुनावी मैदान में बने रह सकते हैं या नहीं। इन हालातों में, चार उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र वापस ले लिया।

डीपीएपी के सभी चार उम्मीदवार जिन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया है, वे जम्मू संभाग के चिनाब क्षेत्र से हैं, जिसमें किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिले शामिल हैं। इस क्षेत्र को पूर्व कांग्रेसी नेता और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री आजाद का गढ़ माना जाता है। जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर को होने वाले 24 सीटों के पहले चरण के चुनाव के लिए, आजाद ने 13 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों की घोषणा की थी। इनमें से सात कश्मीर संभाग में और छह चिनाब बेल्ट के लिए थे। चिनाब बेल्ट में कुल आठ विधानसभा सीटें हैं।

मंगलवार को डीपीएपी उम्मीदवारों ने अपना नामांकन भी दाखिल किया। हालांकि, शुक्रवार को पहले चरण के लिए नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख को डीपीएपी के चार उम्मीदवार- मोहम्मद असलम गोनी (भद्रवाह सीट), फातिमा बेगम (इंदरवाल), आसिफ अहमद खांडे (बनिहाल) और गिरधारी लाल भाऊ (रामबन)- मैदान से हट गए। भद्रवाह आजाद का गृह नगर है।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए खांडे ने कहा, "आजाद साहब हमारे स्टार प्रचारक थे और चूंकि वह अस्वस्थ हैं और प्रचार नहीं कर सकते, इसलिए हमने अपना नाम वापस लेने का फैसला किया है। चूंकि हमारे निर्वाचन क्षेत्र पहाड़ी इलाकों में स्थित हैं, इसलिए आजाद साहब के लिए यहां प्रचार करना संभव नहीं है।" इस घटनाक्रम से इन निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन के उम्मीदवारों को बढ़ावा मिलने की संभावना है।

चेनाब की कुछ सीटों को छोड़कर, आजाद की पार्टी को अन्य क्षेत्रों में एक गंभीर दावेदार के रूप में नहीं देखा जा रहा है, लेकिन कहा जाता है कि इसमें भाजपा विरोधी वोटों को विभाजित करने की क्षमता है। 2014 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने चेनाब बेल्ट से चार और कांग्रेस ने दो सीटें जीती थीं। 2022 में निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद विधानसभा सीटों की कुल संख्या छह से बढ़कर आठ हो गई है।

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