कौन हैं डोनाल्ड ट्रंप के नजदीकी भारतवंशी काश पटेल, जो बन सकते हैं अगला CIA चीफ
44 वर्षीय पटेल ट्रंप के वफादार हैं। वह भारतीय मूल के हैं। उनका जन्म 1980 में गार्डन सिटी, न्यूयॉर्क में गुजराती भारतीय माता-पिता के घर में हुआ था, जो पूर्वी अफ्रीका से कनाडा के रास्ते संयुक्त राज्य अमेरिका में आकर बसे थे।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी डेमोक्रेट प्रतिद्वंद्वी और मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हरा दिया है और एक बार फिर से चार साल के अंतराल के बाद व्हाइट हाउस में प्रवेश करने को तैयार हैं। ट्रंप को अब तक 277 इलेक्टोरल वोट मिल चुके हैं, जबकि उन्हें 270 वोट की ही जरूरत थी। चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम आने वाले हफ्तों में अपने नए मंत्रिमंडल और प्रशासन के अन्य उच्च अधिकारियों को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे।
नए प्रशासन में उच्च पद के शीर्ष दावेदारों में ट्रंप के कट्टर सहयोगी जेमी डिमन, स्कॉट बेसेंट और जॉन पॉलसन शामिल हैं। इस बीच चर्चा है कि डोनाल्ड ट्रंप अपने विश्वस्त और नजदीकी भारतवंशी कश्यप 'काश' पटेल को राष्ट्रीय सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपते हुए एक बड़ा पद सौंप सकते हैं। चर्चा है कि पटेल को ट्रंप अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) का चीफ बना सकते हैं। वह इस पद पर नियुक्त होने के लिए शीर्ष दावेदार बताए जा रहे हैं। कई ट्रम्प सहयोगियों ने CIA प्रमुख के रूप में नियुक्ति के लिए पटेल का नाम आगे रखा है।
कश्यप 'काश' पटेल कौन हैं?
44 वर्षीय पटेल ट्रंप के वफादार हैं। वह भारतीय मूल के हैं। उनका जन्म 1980 में गार्डन सिटी, न्यूयॉर्क में गुजराती भारतीय माता-पिता के घर में हुआ था, जो पूर्वी अफ्रीका से कनाडा के रास्ते संयुक्त राज्य अमेरिका में आकर बसे थे। पटेल के पिता एक विमानन फर्म में वित्तीय अधिकारी के रूप में काम करते थे। उन्होंने पेस यूनिवर्सिटी में लॉ स्कूल से स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। पटेल को जब एक प्रतिष्ठित लॉ फर्म में नौकरी नहीं मिली तो वह एक पब्लिक डिफेंडर बन गए और न्याय विभाग में शामिल होने से पहले मियामी में स्थानीय और संघीय अदालतों में लगभग नौ साल बिताए।
उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में ट्रम्प के आतंकवाद विरोधी सलाहकार और उनके पिछले कार्यकाल के दौरान कार्यवाहक रक्षा सचिव के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम किया है। उन्हें बचाव पक्ष के वकील, संघीय अभियोजक, शीर्ष सदन के कर्मचारी और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी के रूप में भी अनुभव है। ट्रम्प के परम वफादार माने जाने वाले पटेल को उनके कार्यकाल के दौरान पूर्व राष्ट्रपति के लिए नियुक्त सलाहकारों के समूह में शीर्ष कुर्सी दी गई थी, जब वे यूक्रेन युद्ध के संबंध में प्रतिक्रिया के मुद्दों का सामना कर रहे थे।
पटेल 2019 में हाउस इंटेलिजेंस कमेटी से राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के कर्मचारियों में थे। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में कई सुरक्षा और रक्षा मुद्दों पर अपने विचारों से ट्रम्प को प्रभावित किया है। हालांकि, पटेल अपने पूरे करियर में विवादों में भी रहे हैं। ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान पटेल ने कुछ अधिक अनुभवी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों से दुश्मनी मोल ली थी।
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