Hindi Newsविदेश न्यूज़Donald Trump Victory may gave big jolt to China Why Tarif, Trade and Global Power big tension for dragon

डोनाल्ड ट्रंप की जीत चीन के लिए क्यों कोढ़ में खाज, इन मोर्चों पर ड्रैगन की बढ़ी टेंशन

डोनाल्ड ट्रंप एंटी चाइना पॉलिसी के लिए जाने जाते हैं। वह कह चुके हैं कि देश में उत्पादन बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के इरादे से चीन से आयातित सामानों पर 60 फीसदी तक टैरिफ लगा सकते हैं, जबकि अन्य देशों पर यह 10 फीसदी तक हो सकता है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 6 Nov 2024 03:07 PM
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US Presidential Election 2024: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी चुनावों में बाजी मार ली है। वह देश के 47वें राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। उन्होंने मौजूदा उप राष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस को हरा दिया है। ट्रंप की यह दूसरी जीत है। वह 2016 से 2020 तक देश के 45वें राष्ट्रपति रह चुके हैं। चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच में अपने संबोधन में कहा, ‘‘अगला चार साल अमेरिका का स्वर्णिम युग होगा... अमेरिका ने हमें अभूतपूर्व जनादेश दिया है।’’ उन्होंने अमेरिकियों से कहा कि यह पल अमेरिका को बेहतर बनाने में मदद देगा।

मतगणना के ताजा आंकड़ों के अनुसार, ट्रंप को अब तक 270 इलेक्टोरल वोट मिल चुके हैं। इससे उनकी जीत तय हो गई। 78 वर्षीय रिपब्लिकन पार्टी के नेता ट्रंप ने पेंसिल्वेनिया, जॉर्जिया और उत्तरी कैरोलाइना जैसे तीन महत्वपूर्ण ‘स्विंग राज्यों’ में बड़ी जीत हासिल की है। ट्रंप की ऐतिहासिक जीत पर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल से बधाई दी है और भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए सहयोग को नवीनीकृत करने के लिए उत्सुकता दिखाई है, वहीं पड़ोसी देश चीन टेंशन में आ गया है। चीन अब व्यापार, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा मुद्दों पर अमेरिका के साथ अगले चार और वर्षों की कटुता और प्रतिद्वंद्विता की तैयारी में जुट गया है।

ट्रंप चीन विरोधी, लगा सकते हैं 60 फीसदी टैरिफ

ऐसा इसलिए क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप अपने चुनाव अभियान के दौरान कह चुके हैं कि वह चीन से आयात होने वाले सामानों पर भारी भरकम टैरिफ लगाएंगे। ट्रंप एंटी चाइना पॉलिसी के लिए जाने जाते हैं। वह कह चुके हैं कि देश में उत्पादन बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के इरादे से चीन से आयातित सामानों पर 60 फीसदी टैरिफ लगा सकते हैं, जबकि अन्य देशों पर यह 10 फीसदी तक हो सकता है। ऐसे में चीन से अमेरिका आयात होने माल पर रोक लग सकती है। चीनी रणनीतिकारों को ट्रम्प की यही बात साल रही है, जो चीन को आर्थिक मोर्चे पर बड़ा झटका दे सकता है।

इसके अलावा ट्रम्प ने चीन के सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र के दर्जे को समाप्त करने का भी प्रस्ताव दिया है। विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप की अगुवाई में व्यापार युद्ध की संभावना ने चीन के नेतृत्व को हिलाकर रख दिया है। चीन प्रतिवर्ष अमेरिका को 400 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य का सामान बेचता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ट्रम्प के शासन में अमेरिका और चीन के बीच फिर से व्यापार युद्ध शुरू होने की संभावना से बीजिंग चिंतित हो उठा है, क्योंकि वर्तमान दौर में चीन कई अहम आंतरिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है।

टेक कंपनियों और सप्लाई चेन पर आघात के आसार

ट्रंप अमेरिकी गौरव को वापस लाने और अमेरिका को फिर से महान बनाने की बात भी कह चुके हैं। लिहाजा, चीन को यह भी आशंका घर कर रही है कि ट्रम्प टेक कंपनियों और सप्लाई चेन में जुड़ी कंपनियों को तेजी से वापस बुला सकते हैं। यह एक ऐसा कदम जो चीन के आर्थिक विकास को खतरे में डाल सकता है और अप्रत्यक्ष रूप से इसकी सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। इससे कई बड़ी कंपनियां चीन छोड़कर या तो अमेरिका शिफ्ट हो सकती हैं या किसी दूसरे देश में जा सकती हैं। इससे भी चीन को बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान हो सकता है।

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आर्थिक मोर्चे पर खस्ताहाल है चीन

यह सब उस दौर में होगा, जब चीन खुद आर्थिक मोर्चे पर मंदी का सामना कर रहा है। कोविड-19 महामारी ने दुनिया के विकास का इंजन कही जाने वाली चीन की अर्थव्यवस्था को धीमा कर दिया है। 2020 में चीन की विकास दर माइनस 2.2 प्रतिशत तक गिर गई थी, जो पिछले कई दशकों में दर्ज चीन की सबसे कम विकास दर है।

ताइवान मुद्दे पर भी टेंशन

इसके अलावा दक्षिणी चीन सागर में ताइवान के साथ चीन के बढ़ते संघर्ष के मामले में भी ट्रंप के अगुवाई में अमेरिका हमलावर हो सकता है। इस क्षेत्र में अमेरिका न केवल रणनीतिक गठजोड़ मजबूत कर सकता है बल्कि अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा सकता है। ताइवान के पास समंदर में अमेरिका मिलिट्री एक्टिविटी बढ़ा सकता है। कुल मिलाकर अमेरिका चीन पर भारी दबाव बढ़ा सकता है।

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